Vidwan Ganapati Kuppayya Hegde & Smt Gouri Ganapati Hegde
Vidwan Ganapati Kuppayya Hegde & Smt Gouri Ganapati Hegde

वेद संस्कृत अकाडेमि का संस्थापक महोदय, ज्योतिषशास्त्रविद्वान् , धर्मशास्त्रविद्वान् ,
श्रीरामचन्द्रापुर मठ का धार्मिक पंचांग समिति का संस्थापक कार्यदर्शी, धार्मिकपंचांग का पहला कर्तृ एवं
वेदमूर्ति श्री गणपति कुप्पय्य हेगडे जी का सत्संकल्प के अनुसार उनके ही सुपुत्र वेद संस्कृत अकाडेमि का
संस्थापक निर्देशक डा. गोपालकृष्ण हेगडे जी ने अपने ही जमीन से २ गुंटा जमीन को अकाडेमि के अधीन में
चलने वाली श्री महागणपति संस्कृत पाठशाला को दान दिये थे ।
यह भावचित्र उन्ही दंपती का है जो पाठशाला को दान देने का संकल्प किये थे ।

डा. गोपालकृष्ण हेगडे जी ने अपने पिताश्री के निर्देशानुसार दान दिये थे उसी जमीन में एक भवन
निर्माण किया है । इस भवन में ही अकाडेमि और पाठशाला का दैनिक कार्यभार चलता है । श्रीमज्जगद्गुरु
शंकराचार्य श्रीमद् राघवेश्वर भारती महास्वामीजी ने दीपप्रज्वलन पूर्वक उसी भवन का लोकार्पण किये थे ।

यह भावचित्र उसी संदर्भ का है ।

अकाडेमि और संशोधनपत्रिका के गौरव बढाने वाले कुछ सन्दर्भ और कुछ स्मृतिचित्र

देहली सर्कार के अधीन में चलने वाला देहली संस्कृत युनिवर्सिटि ने नई देहली स्थित विज्ञान भवन में तीन दिन (23,24, 25 अगष्ट 2013 ) का अन्ताराष्ट्रिय संस्कृत सम्मेलन आयोजित किया था । उसी सन्दर्भ में हमारी संस्था को भी आमन्त्रण मिला था । “जर्नल् आफ् वेद संस्कृत अकाडेमि” का प्रधान अंपादक होने के कारण डा. गोपालकृष्ण हेगडे जी ने भाग लिये थे । वहां ज्योतिषशास्त्र संबद्ध पंचमसत्र का सत्राध्यक्ष पद का अलंकरण किये हुवे सुचारु रूप से निभाये थे । यह सन्दर्भ हमारी संशोधन पत्रिका का मान बढाता है । उस अवसर का छाया चित्र है ये ।
दिनांक : 27-03-2022 बेंगळूरु स्थित उत्तरादि मठ में ५९ वां अखिल भारतीय शास्त्र स्पर्धा आयोजित किया था । यह स्पर्धा देहली स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और बेंगळूरु स्थित कर्नाटक संस्कृत विश्वविद्यालय के सहयोग से प्रायोजित था । वहां ज्योतिषशास्त्र वाक् प्रतियोगिता का निर्णय स्थान अलंकृत किये थे हमारी संशोधन पत्रिका के प्रधान संपादक डा. गोपालकृष्ण हेगडे जी ने । उसी संदर्भ में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का कुलपति महोदय प्रो. श्रीनिवास वरखेडि जी ने हमारी पत्रिका के बारे में जानकारी लिये । संस्कृत पत्रिका क्षेत्र में हमारी पत्रिका का योगदान सुनकर खूब प्रशंसा किये । इसी क्षेत्र में आगे बढाने का भी प्रेरणा दी । प्रधान संपादक को शाल से अलंकरण किये । उस सन्दर्भ का छाया चित्र है ।

श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य श्रीमद् राघवेश्वर भारती महास्वामी जी का (शोभन संवत्सर) चातुर्मास्य व्रत का सन्दर्भ था । दो मास पर्यन्त चल रहा व्रत था ये । कर्नाटक राज्य, उत्तरकन्नड जिल्ला, कुमटा तालूक, स्थित प्रसिद्ध पुण्य स्थल गोकर्ण के पास श्रीक्षेत्र अशोका में यह चातुर्मास्य व्रत चल रहा था । किसी भी क्षेत्र हो उसी क्षेत्र में अत्युत्तम साधना किये हो, उस व्यक्ति या संस्था को मठ के तरफ से सम्मान करने का अवसर था । संस्कृत भाषा का प्रचार और प्रसार कार्य में अपने आप को समर्पण किया था हमारी अकाडेमी । जर्नल् आफ् वेद संस्कृत अकाडेमि नाम से तब तक संस्कृत पत्रिका क्षेत्र में बीस (२०) संपुट को लोकार्पण किये था । यह छोटी बात नही है । इस से संशोधन विद्यार्थियों को और संस्कृत और इतर भाषा क्षेत्र में कार्यरत अध्यापकों को बहुत लाभ मिला है । अर्थात् यह संशोधन पत्रिका से वे उपाकृत थे । इसी सन्दर्भ में एक बार याद कारना सन्दर्भोचित होगा । हमारी पत्रिका का दूसरा और नवमी संपुट श्री जी के करकमलों से ही लोकार्पण हुवे थे । श्री जी ने इसी चातुर्मास्य सन्दर्भ में हमारी पत्रिका का कार्य-कलापों के बारे में लोगों से जानकारी ले लिये होंगे शायद । सम्मान के लिये हमारी पत्रिका को चुन लिया । दिनांक : 25-08-2023 श्रीक्षेत्र अशोका में आयोजित एक धर्मसभा में पत्रिका के तरफ से प्रधान संपादक को समाज सेवातिलक उपाधि से पुरस्कृत किये । यह हमारी संशोधनपत्रिका का मिला सम्मान है । इस में कुछ भी सन्देह नहीं है । यह हमारा भावना है ।

उस सन्दर्भ का छाया चित्र है

वेद संस्कृत अकाडेमि का संक्षिप्त परिचय

  • वेद संस्कृत अकाडेमि (पं) 2003 में Karnataka Societies Registration Act-1960 के तहत पंजीकृत एक गैर सरकारी संघटन (NGO) है ।
  • 2003 में “वेद संस्कृत प्रसारिणी सभा” के नाम से पंजीकृत इस संस्था को 2011 में “वेद संस्कृत अकाडेमि” नाम से अधिकृत रूप से परिवर्तित किया है ।
  • इस अकाडेमि ने नई दिल्ली के NISCAER नामक सरकारी प्राधिकरण से अधिकृत रूप से ISSN संख्या को 2011 में पाया है और वह संख्या ISSN 2250-1711 है ।
  • अकाडेमि ने सन् 2013 से शुरु करके अभीतक सालाना 2 बार (Bi-annual) “Journal of Veda Samskrita Academy” के नाम से मूल्यांकित राष्ट्रिय संशोधना पत्रिका प्रकाशित करते आरहे है ।
  • यह मूल्यांकित राष्ट्रिय संशोधना पत्रिका National Peer-Reviewed Research Journal है ।
  • अकाडेमि में समर्थ एवं विषयतज्ञों की सलहकार बोर्ड है ।
  • अकाडेमि को वेद, वेदांग, पुराण, इतिहास, आयुर्वेद, योग, शिक्षणशास्त्र (Education), Arts & Humanities इत्यादि विषयों से संबंधित लेखनों को प्रकाशित करने की अनुमति प्राप्त है ।
  • इस पत्रिका में प्रकाशन हेतु संस्कृत/कन्नड/हिन्दी/अंग्रेजी भाषाओं में अपना लेख दे सकते हैं ।
  • अकाडेमि द्वारा अभी तक 23 संपुट लोकार्पण हुआ है जिन में अलग-अलग विषयों से संबंधित 750 से भी ज्यादा लेखन प्रकाशित हैं ।
  • गौरवपूर्वक एवं गर्व से हम प्रकट कर रहे हैं कि वेद संस्कृत अकाडेमि द्वारा प्रकाशित होनेवाला “Journal of Veda Samskrita Academy” नामक संशोधनात्मक पत्रिका का नाम 2021 अक्टोबर से जारी में आने को UGC-CARE List में जुडा है ।
  • लेकिन २०२३ जुलाई से लेके UGC-CARE List से हमारी पत्रिका का नाम डिस् कंटिन्य़् किये है ।
  • हम अपने वेब साईट में प्रकटित किये थे कि २०२३ जुलाई से हमारी पत्रिका का नाम यु.जि.सि. केर लीष्ट में नहीं है, फिर भी पत्रिका के अभिमान से ज्यादा से ज्यादा विद्वानों ने प्रकाशन के लिये अपना प्रबन्ध भेजा है । उन सभी को हृदय से धन्यवाद ।
  • यु.जि.सि. केर लीष्ट में पत्रिका का नाम वापस मिलाने की प्रयत्न जारी है । हम कोशिस तो करेंगे हि, फल भगवान के ऊपर छोडते है ।
  • हमारे कर्नाटक में संस्कृत विषय से संबंधित, ISSN संख्या और UGC-CARE List में जुडे पत्रिका बहुत विरल है ।

पत्रिका में अपना लेखन देने चाहनेवालों से कुछ सूचना

  • पत्रिका प्रकाशन की अवधि : जनवरी से जून, जुलाई से डिसेंबर, इस तरह साल में दो बार पत्रिका प्रकाशित होगी ।
  • सामान्यतः फरवरी या मार्च, अगस्त या सितंबर मास में पत्रिका प्रकाशित होगी ।
  • अकाडेमी की वेबसाईट (Web site) में पत्रिका प्रकाशन से 2 महीने पहले पत्रिका प्रकाशन उद्घोषित करेंगे ।
  • लेखनों के प्रकाशन इच्छुक अकाडेमि की E-mail द्वारा अपना लेखन word file & PDF file में ही भेजें ।
  • प्रधान संपादक आप का लेखन स्वीकार कर के सलाह समिति का विषय तज्ञों को परिशीलन केलिये भेजेंगे ।
  • उस के बाद सलाह समिति के सदस्य के अलावा अन्यविषयतज्ञों से परिशीलन करवादेंगे । उस समय लेखनदातावों का नाम गौप्य रखेंगे ।
  • समिति की अभिप्राय, और दूसरे विषय तज्ञों का अभिप्राय के अनुसार प्रधान संपादक लेखन की प्रकाशन के बारे में अन्तिम निर्णय लेंगे ।
  • लेखन प्रकाशन योग्य होने पर लेखनदाताओं को E-mail फोन या पत्र द्वारा जानकारी देंगे ।
  • आप को सूचित किया जाने पर ही अकाडेमि का बैंक खाता में निर्धारित धन जमा करना है । लेखन भेजते ही Processing चार्ज खाता में जमा नहीं करना है ।
  • साधारणतः लेखन A4 साईज में 4-5 पृष्ठों में होगी । Font 11 या 12 में रहना है । लेखन ज्यादा लंबा हो तो प्रकाशन की अन्तिम निर्णय प्रधान संपादक लेलेंगे ।
  • हिन्दी या संस्कृत भाषा संबंधित लेखन Unicode में sanskrit 2003 or mangala fant होना चाहिये ।
  • अंग्रेजीवाला Times Now Roman में हो तो अच्छा है ।
  • कन्नड लेखन नुडि (Nudi) तंत्रांश में होना अच्छा है ।
  • केवल टाईप किया गया लेखन स्वीकार्य है, अन्यथा हस्तप्रति की टाईपिंग चार्ज लेखनदाता द्वारा वहन होगा ।
  • लेखन दाता अपना पता, मोबैल नं., ई-मेल संकेत इत्यादि लेखन के अंत में जरूर लिखना है । यदि वृत्ति में हो तो वृत्तिस्थान का नमूदन करें ।
  • संशोधना रत विद्यार्थी अपना मार्गदर्शक, उन के पद, तथा जिस विश्वविद्यालय से संशोधना अनुमति प्राप्त है इत्यादि विवरण अवश्य लिखें ।

लेखन दाताओं का अकाडेमी द्वारा सोलभ्य विवरण

  • पत्रिका प्रकाशन के बाद एकप्रति(one copy) रजिष्टर पोष्ट द्वारा भेजे जायेंगे ।
  • ज्यादा प्रति चाहिये हो तो प्रत्येक धन भेजने पर व्यवस्था किया जायेगा ।
  • साथ में पत्रिका में लेखन प्रकाशित होने का प्रमाण पत्र अकाडेमि द्वारा दिया जायेगा ।
  • जर्नल प्रोसेस्सिंग चार्ज NEFT / RTGS के द्वारा ही देय होगा ।
  • Veda Samskrita Academy (Regd.), Hegde, Canara Bank, Hegde Branch. SB. Ac/ No. : 03182200030380, IFSC : CNRB0010318

ವೇದ ಸಂಸ್ಕೃತ ಅಕಾಡೆಮಿಯ ಸಂಕ್ಷಿಪ್ತ ಪರಿಚಯ

  • ವೇದ ಸಂಸ್ಕೃತ ಅಕಾಡೆಮಿ (ರಿ.) ಯು ೨೦೦೩ ರಲ್ಲಿ ಕರ್ನಾಟಕ ಸೊಸೈಟಿ ರಜಿಷ್ಟ್ರೇಶನ್ ಎಕ್ಟ -೧೯೬೦ ರ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ ನೋಂದಾಯಿತವಾದ ಒಂದು ನಾನ್ ಗವರ್ನಮೆಂಟ್ ಒರ್ಗನೈಜೇಸನ್ (NGO) ಆಗಿರುತ್ತದೆ.
  • ೨೦೦೩ರಲ್ಲಿ “ವೇದ ಸಂಸ್ಕೃತ ಪ್ರಸಾರಿಣೀ ಸಭಾ” ಎಂಬ ಹೆಸರಿನಿಂದ ನೋಂದಾಯಿತವಾದ ಈ ಸಂಸ್ಥೆಯ ಹೆಸರನ್ನು ೨೦೧೧ರಲ್ಲಿ “ವೇದ ಸಂಸ್ಕೃತ ಅಕಾಡೆಮಿ” ಎಂದು ಅಧಿಕೃತವಾಗಿ ಬದಲಾಯಿಸಲಾಗಿದೆ.
  • ಅಕಾಡೆಮಿಯು ನ್ಯೂ ದಿಲ್ಲಿಯಲ್ಲಿರುವ NISCAER ಎನ್ನುವ ಸರಕಾರಿ ಪ್ರಾಧಿಕಾರದಿಂದ ಅಧಿಕೃತವಾಗಿ ISSN ಸಂಖ್ಯೆಯನ್ನು ೨೦೧೧ ರಲ್ಲಿ ಪಡೆದಿರುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ಅದರ ಸಂಖ್ಯೆ ISSN 2250-1711 ಅಗಿರುತ್ತದೆ.
  • ಅಕಾಡೆಮಿಯು ೨೦೧೩ ರಲ್ಲಿ ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿ, ಇಲ್ಲಿಯ ವರೆಗೂ ವರ್ಷಕ್ಕೆರಡು ಬಾರಿಯಂತೆ (Bi-annual) “Journal of Veda Samskrita Academy” ಎನ್ನುವ ಹೆಸರಿನಿಂದ ರಾಷ್ಟ್ರಿಯ ಸಂಶೋಧನಾ ಪತ್ರಿಕೆಯನ್ನು ಪ್ರಕಟಿಸುತ್ತಾ ಇದೆ.
  • ಈ ರಾಷ್ಟ್ರಿಯ ಸಂಶೋಧನಾ ಪತ್ರಿಕೆಯು National Peer-Reviewed Research Journal ಪತ್ರಿಕೆ ಆಗಿರುತ್ತದೆ.
  • ಅಕಾಡೆಮಿಯು ಸಮರ್ಥವಾದ ಮತ್ತು ವಿಷಯ ತಜ್ಞರ ಎಡ್ವೈಸರಿ ಬೋರ್ಡನ್ನು ಹೊಂದಿರುತ್ತದೆ
  • ಅಕಾಡೆಮಿಯು ವೇದ, ವೇದಾಂಗ, ಪುರಾಣ, ಇತಿಹಾಸ, ಆಯುರ್ವೇದ, ಯೋಗ, ಶಿಕ್ಷಣಶಾಸ್ತ್ರ,Arts & Humanities ಇತ್ಯಾದಿ ವಿಷಯಗಳಿಗೆ ಸಂಬಂಧಪಟ್ಟಂತಹ ಲೇಖನಗಳನ್ನು ಪ್ರಕಟಿಸಲು ಅನುಮತಿಯನ್ನು ಪಡೆದಿರುತ್ತದೆ.
  • ಈ ಪತ್ರಿಕೆಯಲ್ಲಿ ಪ್ರಕಟಿಸಲು ಸಂಸ್ಕೃತ / ಕನ್ನಡ / ಹಿಂದಿ / ಇಂಗ್ಲೀಷ್ ಭಾಷೆಗಳಲ್ಲಿ ತಮ್ಮ ಲೇಖನಗಳನ್ನು ನೀಡಬಹುದಾಗಿದೆ.
  • ಅಕಾಡೆಮಿಯು ಇಲ್ಲಿಯ ವರೆಗೆ ೨೩ ಸಂಪುಟಗಳನ್ನು ಲೋಕಾರ್ಪಣೆಗೊಳಿಸಿದೆ. ಅವುಗಳಲ್ಲಿ ಬೇರೆ ಬೇರೆ ವಿಷಯಗಳಿಗೆ ಸಂಬಂಧಪಟ್ಟಂತೆ ಒಟ್ಟೂ ೭೫೦ ಕ್ಕೂ ಹೆಚ್ಚು ಲೇಖನಗಳು ಇಲ್ಲಿಯವರೆಗೆ ಪ್ರಕಾಶನಗೊಂಡಿವೆ.
  • ವೇದ ಸಂಸ್ಕೃತ ಅಕಾಡೆಮಿಯು ಪ್ರಕಾಶಿಸುವ “Journal of Veda Samskrita Academy” ಎನ್ನುವ ಸಂಶೊಧನಾ ಪತ್ರಿಕೆಯ ಹೆಸರು ೨೦೨೧ ಅಕ್ಟೋಬರದಿಂದ ಜಾರಿಯಲ್ಲಿ ಬರುವಂತೆ UGC-CARE List ನಲ್ಲಿ ಸೇರ್ಪಡೆ ಆಗಿತ್ತು ಎಂದು ಗೌರವ ಪೂರ್ವಕವಾಗಿ ಮತ್ತು ಹೆಮ್ಮೆಯಿಂದ ಪ್ರಕಟಿಸುತ್ತಾ ಇದ್ದೇವೆ.
  • ಆದರೆ ೨೦೨೩ ಜುಲೈದಿಂದ ಅನ್ವಯವಾಗುವಂತೆ ನಮ್ಮ ಪತ್ರಿಕೆಯ ಹೆಸರನ್ನು UGC-CARE List ನಿಂದ ಕಡಿಮೆ ಮಾಡಿದೆ ಎಂದು ವಿಷಾದವನ್ನು ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸುತ್ತಾ ಇದ್ದೇವೆ.
  • ಆದರೂ ಛಲ ಬಿಡದೇ, ಧೃತಿಗೆಡದೇ ೨೨ ಮತ್ತು ೨೩ ನೇ ಲೋಕಾರ್ಪಣೆಗೊಳಿಸಿದ್ದೇವೆ. ಇದಕ್ಕೆ ಲೇಖನದಾತರ ಔದಾರ್ಯ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ಪತ್ರಿಕೆಯ ಮೇಲಿನ ಅಭಿಮಾನ ಎಂದು ಮುಕ್ತಕಂಠದಿಂದ ಶ್ಲಾಘಿಸುತ್ತಿದ್ದೇವೆ. ಅವರೆಲ್ಲರಿಗೂ ತುಂಬು ಹೃದಯದ ಧನ್ಯವಾದಗಳು. UGC-CARE List ನಲ್ಲಿ ಪುನಃ ನಮ್ಮ ಪತ್ರಿಕೆಯ ಹೆಸರನ್ನು ಸೇರ್ಪಡೆ ಮಾಡುವ ಬಗ್ಗೆ ಎಡಬಿಡದ ಪ್ರಯತ್ನ ಜಾರಿಯಲ್ಲಿದೆ. ಪ್ರಯತ್ನ ನಮ್ಮದು ಫಲ ಭಗವಂತನದ್ದಾಗಿದೆ.
  • ಆದರೆ ಇಷ್ಟನ್ನು ಸ್ಪಷ್ಟವಾಗಿ ಹೇಳಬಹುದು ನಮ್ಮ ಕರ್ನಾಟಕದಲ್ಲಿ ಸಂಸ್ಕೃತ ವಿಷಯಕ್ಕೆ ಸಂಬಂಧಪಟ್ಟಂತಹ ISSN ಸಂಖ್ಯೆಯನ್ನು ಮತ್ತು UGC-CARE List ನಲ್ಲಿ ಸೇರ್ಪಡೆಯಾದ ಪತ್ರಿಕೆಗಳು ತುಂಬಾ ವಿರಳ.

ಪತ್ರಿಕೆಯಲ್ಲಿ ಲೇಖನಗಳನ್ನು ಪ್ರಕಟಿಸಲು ಇಚ್ಛಿಸುವವರ ಗಮನಕ್ಕೆ ಕೆಲವು ವಿಷಯಗಳು

  • ಪತ್ರಿಕಾ ಪ್ರಕಟಣೆಯ ಅವಧಿ : ಜನವರಿಯಿಂದ ಜೂನ್, ಜುಲೈದಿಂದ ಡಿಸೆಂಬರ ಹೀಗೆ ವರ್ಷಕ್ಕೆರಡು ಬಾರಿ ಪತ್ರಿಕೆಯನ್ನು ಪ್ರಕಟಿಸಲಾಗುವುದು. ಸಾಮಾನ್ಯವಾಗಿ ಅಗಷ್ಟ ಮತ್ತು ಫೆಬ್ರವರಿ ತಿಂಗಳಲ್ಲಿ ಪತ್ರಿಕೆಯನ್ನು ಲೋಕಾರ್ಪಣೆಗೊಳಿಸಲಾಗುವುದು.
  • ಅಕಾಡೆಮಿಯ Websiteನಲ್ಲಿ ಪತ್ರಿಕಾ ಪ್ರಕಟಣೆಯ ಅವಧಿಗಿಂತ ೨ ತಿಂಗಳ ಮುಂಚಿತವಾಗಿ ಪತ್ರಿಕಾ ಪ್ರಕಟಣೆಯನ್ನು ಉದ್ಘೋಷಿಸಲಾಗುವುದು.
  • ಲೇಖನಗಳನ್ನು ಪ್ರಕಾಶಿಸ ಬಯಸುವವರು ಅಕಾಡೆಮಿಯ E-mail ಮೂಲಕವಾಗಿಯೇ ತಮ್ಮ ಲೇಖನಗಳನ್ನು word file & PDF file ಗಳಲ್ಲಿ ಕಳುಹಿಸತಕ್ಕದ್ದು.
  • ಲೇಖನ ಕೈಗೆ ಸಿಕ್ಕ ನಂತರ ಪ್ರಧಾನ ಸಂಪಾದಕರು ನಮ್ಮ ಫಾರ್ಮೆಟ್‌ನಲ್ಲಿ ಅದನ್ನು ಹೊಂದಿಸಿ, ಹಾರ್ಡ್ ಕಾಫಿ ಅಥವಾ ಮೇಲ್ ಮೂಲಕ ಪುನಃ ಲೇಖನದಾತರಿಗೆ ಕಳುಹಿಸಲಾಗುವುದು
  • ಅವರಿಂದ ಉತ್ತರ ಬಂದ ನಂತರ ಪ್ರಧಾನ ಸಂಪಾದಕರು ಅದನ್ನು ಎಡ್ವೈಸರಿ ಬೋರ್ಡಿನ ವಿಷಯ ತಜ್ಞರಿಗೆ ಪರಿಶೀಲನೆಗಾಗಿ ಕಳುಹಿಸುತ್ತಾರೆ. ಅವರ ಒಪ್ಪಿಗೆಯ ನಂತರ ಎಡ್ವೈಸರಿ ಬೋರ್ಡಿನ ಸದಸ್ಯರಲ್ಲದವರ ಹತ್ತಿರ ಪರಿಶೀಲನೆ ಮಾಡಿಸುತ್ತಾರೆ. ಈ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಲೇಖಕರ ಹೆಸರನ್ನು ಗೌಪ್ಯವಾಗಿ ಇಡಿಸಲಾಗುವುದು.
  • ಅವರ ಅಭಿಪ್ರಾಯಗಳನ್ನು ತೆಗೆದುಕೊಂಡು ಪ್ರಧಾನ ಸಂಪಾದಕರು ಲೇಖನವು ಪ್ರಕಟಣಾರ್ಹತೆಯನ್ನು ಹೊಂದಿದೆಯೋ ಯಾ ಇಲ್ಲವೋ ಎನ್ನುವ ತೀರ್ಮಾನವನ್ನು ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ.
  • ಲೇಖನವು ಪ್ರಕಟಣಾರ್ಹತೆಯನ್ನು ಹೊಂದಿದ್ದರೆ ಪ್ರಧಾನ ಸಂಪಾದಕರು ಲೇಖನವನ್ನು ಕೊಟ್ಟವರಿಗೆ E-mail ಅಥವಾ ಫೋನ್ ಅಥವಾ ಪತ್ರದ ಮೂಲಕ ಮಾಹಿತಿಯನ್ನು ನೀಡುತ್ತಾರೆ.
  • ಹಾಗೆ ತಿಳಿಸಿದ ನಂತರವೇ ಅಕಾಡೆಮಿಯ ಬ್ಯಾಂಕ್ ಎಕೌಂಟಿಗೆ ನಿಗದಿಸಿದ ಹಣವನ್ನು ಪಾವತಿಸತಕ್ಕದ್ದು. ಲೇಖನವನ್ನು ಕಳುಹಿಸಿದ ತಕ್ಷಣ ಜರ್ನಲ್ ಪ್ರೊಸೆಸಿಂಗ್ ಶುಲ್ಕವನ್ನು ಅಕಾಡೆಮಿಯ ಎಕೌಂಟಿಗೆ ಜಮಾ ಮಾಡತಕ್ಕದ್ದಲ್ಲ.
  • ಸಾಮಾನ್ಯವಾಗಿ ಲೇಖನ ಎ೪ ಸೈಜಿನಲ್ಲಿ ೪ ರಿಂದ ೫ ಪುಟ ಇರತಕ್ಕದ್ದು. Font 11 ಅಥವಾ ೧೨ ರಲ್ಲಿ ಇರಬೇಕು. ತುಂಬಾ ದೀರ್ಘವಾದ ಲೇಖನವಿದ್ದರೆ ಅದನ್ನು ಪ್ರಕಟಿಸುವ ತೀರ್ಮಾನವನ್ನು ಪ್ರಧಾನಸಂಪಾದಕರೇ ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ. ಹೆಚ್ಚಿನ ಪಕ್ಷ ಲೇಖನವನ್ನು ಪ್ರಕಟಿಸದೇ ಇರುವ ತೀರ್ಮಾನವನ್ನು ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ.
  • ಹಿಂದಿ ಅಥವಾ ಸಂಸ್ಕೃತ ಭಾಷೆಗೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿದ ಲೇಖನ Unicode (Sanskrit 2003, Mangal) ನಲ್ಲಿ ಇರಬೇಕು.
  • ಇಂಗ್ಲೀಷ್ ಭಾಷೆಯದ್ದು Times Now Roman ನಲ್ಲಿ ಇದ್ದರೆ ಉತ್ತಮ.
  • ಕನ್ನಡ ಲೇಖನ ನುಡಿ ತಂತ್ರಾಂಶದಲ್ಲಿ ಇದ್ದರೆ ಉತ್ತಮ.
  • ಕೇವಲ ಟೈಪ್ ಆದ ಲೇಖನವನ್ನು ಮಾತ್ರ ಸ್ವೀಕರಿಸಲಾಗುವುದು. ಟೈಪ್ ಆಗದೇ ಕೈ ಬರಹದಲ್ಲೇ ಇದ್ದರೆ ಟೈಪಿಂಗ್ ಶುಲ್ಕವನ್ನು ಸಂಬಂಧಿಸಿದ ಲೇಖನದಾತರು ಪ್ರತ್ಯೇಕವಾಗಿ ಪಾವತಿಸಬೇಕಾಗುತ್ತದೆ.
  • ಲೇಖನದಾತರು ತಮ್ಮ ಪೋಷ್ಟಲ್ ವಿಳಾಸವನ್ನು, ಮೊಬೈಲ್ ನಂ. ನ್ನು, ಈ-ಮೇಲ್‌ಸಂಕೇತವನ್ನು ಲೇಖನದ ಅಂತ್ಯದಲ್ಲಿ ಆಂಗ್ಲಭಾಷೆಯಲ್ಲಿಯೇ ನಮೂದಿಸಬೇಕು.
  • ಉದ್ಯೋಗದಲ್ಲಿ ಇರುವವರು ತಮ್ಮ ಉದ್ಯೋಗಸ್ಥಾನದ ವಿಳಾಸವನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ ಭಾಷೆಯಲ್ಲಿಯೇ ನಮೂದಿಸಬೇಕು.
  • ಸಂಶೋಧನಾವಿದ್ಯಾರ್ಥಿಗಳು ತಮ್ಮ ಮಾರ್ಗದರ್ಶಕರ ಹೆಸರು, ಅವರ ಹುದ್ದೆ ಮತ್ತು ಅವರು ಯಾವ ಸಂಸ್ಥೆಯಲ್ಲಿ (ಯುನಿವರ್ಸಿಟಿಯಲ್ಲಿ) ಉದ್ಯೋಗಸ್ಥರಾಗಿದ್ದಾರೆ, ಯಾವ ಯುನಿವರ್ಸಿಟಿಯಲ್ಲಿ ಸಂಶೋಧನೆ ಮಾಡುತ್ತಿದ್ದೀರಿ ಆ ಯುನಿವರ್ಸಿಟಿಯ ಹೆಸರು, ವಿದ್ಯಾರ್ಥಿಯ ಸಂಶೋಧನೆಗೆ ಮಂಜೂರಾದ ವಿಷಯವನ್ನು ಸ್ಪಷ್ಟವಾಗಿ ನಮೂದಿಸಲೇಬೇಕು.

ಲೇಖನವನ್ನು ಕೊಟ್ಟವರಿಗೆ ಅಕಾಡೆಮಿಯು ನೀಡುವ ಸೌಲಭ್ಯಗಳು:

  • ಪತ್ರಿಕೆ ಪ್ರಕಟಣೆ ಆದ ನಂತರ ಲೇಖನವನ್ನು ನೀಡಿದವರಿಗೆ ಒಂದು ಪ್ರತಿ (one copy) ಯನ್ನು ರಜಿಸ್ಟರ್ ಪೋಷ್ಟ ಮೂಲಕ ಕಳುಹಿಸಿ ಕೊಡಲಾಗುವುದು.
  • ಇದರೊಟ್ಟಿಗೆ ಅಕಾಡೆಮಿಯಿಂದ ಅಧಿಕೃತವಾದ ಪ್ರಮಾಣ ಪತ್ರವನ್ನು PUBLICATION CERTIFICATE ನೀಡಲಾಗುವುದು.
  • ಜರ್ನಲ್ ಪ್ರೊಸೆಸಿಂಗ್ ಶುಲ್ಕವನ್ನು NEFT / RTGS ಮೂಲಕವೇ ಕಳುಹಿಸತಕ್ಕದ್ದು.
  • Veda Samskrita Academy (Regd.), Hegde, Canara Bank, Hegde Branch, S. B. Ac/ No.: 03182200030380, IFSC: CNRB0010318

A brief introduction to Vedic Sanskrit Academy

 

  • Veda Sanskrit Academy (R.I.) was incorporated in 2003 under the Karnataka Societies Registration Act-1960. A registered Non-Governmental Organization (N.G.O.)
  • In 2003, the organization was registered as “Veda Sanskriti Prasarini Sabha”. Officially renamed as “Veda Sanskrit Academy” in 2011.
  • The Academy is officially ISSN by the government authority NISCAER in New Delhi. The number was received in 2011 and its number is ISSN 2250-1711.
  • Academy started in 2013, until now bi-annual “Journal of Veda Samskrita Academy” is publishing a national research journal.
  • This national research journal will be National Peer-Reviewed Research Journal.
  • The Academy will have an advisory board of competent and subject experts.
  • The Academy is authorized to publish articles related to Veda, Vedanga, Purana, History, Ayurveda, Yoga, Pedagogy, Arts & Humanities etc.
  • To publish their articles in Sanskrit / Kannada / Hindi / English languages ​​in this magazine can be given.
  • The Academy has published 23 volumes so far. For different things among them A total of over 750 related articles have been published so far.
  • The name of the research journal “Journal of Veda Samskrita Academy” published by Veda Samskrita Academy is in UGC-CARE List with effect from October 2021. We are announcing with respect and pride that it has been added.
  • But with effect from July 2023 the name of our journal has been removed from the UGC-CARE List. We are expressing our regret that we have done it.
  • However, we have performed the 22nd and 23rd world offerings without any hesitation. We sincerely appreciate the generosity of the contributors and their love for our magazine. Heartfelt thanks to all of them. Relentless efforts are being made to include the name of our journal in the UGC-CARE List. The effort is ours, the result is God’s.
  • But this much can be said clearly. In our Karnataka, Sanskrit related ISSN number and UGC-CARE List of papers are very rare.



A few things to note for those who wish to publish articles in the journal:

 

  • Paper release period: The magazine will be published twice a year from January to June and July to December. Generally, the magazine will be launched in the months of August and February.
  • The press release will be announced on the website of the academy 2 months before the period of press release.
  • Those who want to publish articles should send their articles in word file & PDF files through Academy E-mail.
  • Once the article is received by the Editor-in-Chief, it will be processed in our format and sent back to the contributor via hard copy or mail.
  • After receiving their reply, the Editor-in-Chief sends it to the subject matter experts of the Advisory Board for review. After their approval, the review will be conducted with non-members of the Advisory Board. In this case the author’s name will be kept confidential.
  • Taking their opinions, the editor-in-chief decides whether the article is publishable or not.
  • If the article is publishable, the Editor-in-Chief will inform the contributor by e-mail or phone or letter.
  • Only after such notification, the amount should be paid into the bank account of the Academy. The journal processing fee should not be credited to the Academy’s account immediately after submission of the article.
  • Generally the article should be 4 to 5 pages in A4 size. Font should be in 11 or 12. If an article is too long, the decision to publish it will be taken by the Editor-in-Chief.          Most of the parties take the decision not to publish the article.
  • Article related to Hindi or Sanskrit language should be in Unicode (Sanskrit 2003, Mangal).
  • It is better if the English articles is in Times Now Roman.
  • Kannada article is better if it is in Nudi software.
  • Only typed articles will be accepted.  If it is handwritten and not typed, the typing fee has to be paid separately by the concerned author.
  • Authors should provide their postal address, mobile no. , the e-mail address should be mentioned at the end of the article in English only.
  • Employed persons should enter the address of their place of employment in English only.
  • Research students should clearly state the name of their supervisor, their designation and the institution (university) they are employed in, the name of the university in which they are doing research, the topic sanctioned for the student’s research.

Benefits offered by the Academy to article contributors:

  • After publication of the magazine, one copy will be sent to the contributors by registered post.
  • Along with this, a PUBLICATION CERTIFICATE will be issued by the Academy.
  • Journal processing fee should be remitted through NEFT / RTGS only.
  • Veda Samskrita Academy (Regd.), Hegde, Canara Bank, Hegde Branch
    S.B. Ac/ No.: 03182200030380, IFSC: CNRB0010318

Brief Information of our Academy & National Peer-Reviewed Journal

Samskrita School – Shri Mahaganapati Samskrita Pathashala

  • The Academy is operating a Samkrita School named Shri Mahaganapati Samskrita Pathashala, Hegde (“Pathashala”) which enables pupils to enroll for a Samskrita School to pursue their education in the line of Veda & Samskrita.
  • The said pathashala is conducting classes for Samskrita Prathama Class as approved by the Directorate of Samskrita Education of Karnataka Samskrita University, Bengaluru.
  • The students of Pathashala are appearing for the yearly exam conducted for Samskrita Prathama by Directorate of Samksrita Education and producing good results.
  • The Society was renamed as “Veda Samskrita Academy” from “Veda Samskrita Prasaranee Sabha” at its special meeting of the society held on 3rd January, 2011 vide passing unanimous resolution to that effect.
  • The Academy represents through its Directors in various conferences and seminars to accelerate the knowledge of Samskrita around the globe. Dr. Gopalkrishna Hegde, Director of the Academy had been the Chairman of International Samskrita Conference on the subject of Shodhasatra of Jyotisha Shastra held at Vijnana Bhavan at New Dehli on 23rd and 24th August, 2013.

· Peer-Reviewed Research Journal (Accredited with ISSN)

  • The Academy is accredited with National Institute of Science and Information Resource (“NISCAIR”), New Dehli, through issuance of International Standard Serial Number (“ISSN”) number in the year 2011. The Trust publishes Journal of Veda Samskrita Academy (“Journal”) since year 2013 which consists of Research Papers of Research Scholars of various Universities.
  • University Grant Commission (“UGC”) in the year 2009 has enumerated under its rules that the Ph.D. Research Scholars shall ensure that their Article related to the research to be published in a Research Journal (accredited with ISSN) before the final submission of the papers to the Universities.

·Iinformation regarding our Journal :

  • Name of our Journal is “Journal of Veda Samskrita Academy” and registered under Indian National Centre for ISSN, C/O NISCAIR in 2011.
  • The Journal has its own website. Its details are as follows : www.vedasamskritaacademy.org
  • This website is being used as mentioned in https. This website is not a copy of anyother website. It is independent.

Aims and Scope:

  • One of the Aims of the Journal, is to encourage researchers, scholars and teachers to publish the results of their research in the form of a research paper in Samskrita / English / Hindi / Kannada. Accordingly, contributions from scholars working in different fields like Samskrita Language and linguistics, Language and literature, Indian Philosphy, all branchs of Vedas, Vedangas, Darshanas, Scientific Literature in Samskrita, Creative writings, Commentaries, Bookreviews, Ayurveda, Art and Architecture, Modern Samskrita Literature and Shiksha Shastras (Education) and so-on are highly appreciated. However, good and original but brief creative writing in Samskrita in the form of poetry, prose, stories etc. would also get equal importance. Regular issue of the Journal will contain research papers and small literary articles, book reviews, discussions and comments on research publications.
  • The Academy would also invite high standard research papers from wellknown eminent scholars. Other research papers submitted by research scholars are reviewed and refereed by eminent scholars / experts of the Editorial team. Only research papers reviewed by referees will be finally accepted for publication.
  • This paper is specially prepared for research students. In this case, teaching and non-teaching staff employed in colleges and universities are also beneficial.
  • It is no mistake that research papers like this are very rare especially in Karnataka.

ISSN:

This Journal has ISSN number.It is 2250-1711, In this regard, We have attached the copy of the proposal sent by us to Niscare in 2011 and the copy of the order for allotment of ISSN number to us.

Publishing Schedule:

  • The Journal will be published twice a year. Its period is January to June, July to December. This will be announced on our website usually in April and October.
  • The fact that interested parties can submit articles within this period is paramount. Articles not submitted within this period will not be eligible for publication.
  • It is planned to publish the articles dedicated to the seminars on special occasions with their consent.
  • It also plans to bring out a special volume on the merits of distinguished dignitaries who have rendered special service to the Vedas or Sanskrit or Indian culture.
  • A volume of soft copy is usually taken out near the Academy. But Academy is not responsible for any loss due to virus attack or other reasons. There will be a system of keeping it as safe as possible.

Copyright :

  • The full copyright of the articles published in this journal belongs to Academy, especially the Editor in Chief of the academy. But when the articles are published, the related responsibility lies with the author. Neither the academy nor the director nor the advisory board is responsible for it. Articles should not contain content that abuses any caste or demeans any caste or is controversial. The subjects should be within the criteria contained in the paper.

Peer-Review :

  • Contributors must submit articles as per our above rules. Word file and PDF file thus both files have to be submitted within the stipulated time.
  • Article should not exceed 5 pages in A4 size. Font may be 11 or 12. There should be 1.5 line alignment.
  • Sanskrit or Hindi articles should be in Unicode. It is good to have Sanskit 2003 font or Mangala font.
  • English articles would be better if they were in Times New Roman font. It is good to have Kannada articles in Nudi software.
  • After the articles are received by the Editor-in-Chief, they are first proposed to the Advisory Board for approval.
  • Then set in our format, its hard copy will be sent to the author for correction. They have to send hard copy back to the academy within the stipulated period.
  • Those articles are then sent to subject matter experts who are not members of the advisory board. They will check it and forward the report to the Academy with their opinion.
  • Contributors’ names will be kept confidential when sending articles to subject matter experts who are not members of the Advisory Board.
  • Then there is a system of issuing acceptance letters to the authors if they wish.
  • Decisions to publish or not to publish articles are taken by the Editor-in-Chief. There is no room for arguments in this matter.
  • The decision of the Editor-in-Chief will be final. Authors have to accept this.
  • There is no room for raga-dveshadis here. The Editor-in-Chief does not take extra judicial decisions.
  • Since inception till now there is no complaint from any reader.
  • Articles should not be plagiarized. Must be their own. You can use snippets of other people’s articles in your own articles. In such a case the name of the author, year of publication etc. should be mentioned. There may be put notes at the end of articles.
  • Contributors must mention their place of employment, contact number and e-mail address and address of their original positions. This is very necessary.
  • Research students are required to mention the name of their mentor and the topic sanctioned by the universities.
 

Ownership and Management :

  • This Journal is officially registered as Veda Sanskita Academy functioning under the NGO. The academy has separate management.
  • The day-to-day operations are managed by the director.
  • Every year the financial affairs are officially audited. The relevant documents will be submitted to the office of the concerned Registrar of Societies and a letter of recognition will be received from them.
 

Advisory Board:

  • There is a separate advisory board for this journal. It has subject wise members. All of them are great achievers in their fields.
  • The list of Advisory Board members is published in every journal. Apart from that, the introduction of the members of the advisory board has been given separately.

Editorial Team:

  • The journal mainly has one main Editor. He himself is mentioned as the editor-in-chief.
  • Most of the time the members of the advisory board are members of the editorial team.
 

Author Fees:

  • At present, 1500 Rs. will be collected separately fromauthors as journal processing charge. This includes postal charges, printing charges etc.
  • When the author sends handwritten articles rather than typed articles, the typing charge for that article will be collected by the author himself.
  • Journal processing charge will be revised from time to time. The decision is taken by the editor-in-chief of the journal.
  • A copy will be sent free of charge by registered post after publication of the book to authors who have paid the journal processing charge.
  • Those who want an extra copy will be able to send them the requested quantity if they pay the cost and postage charges to the Academy.
 

Other Revenue:

  • Our journal does not have any other sources of revenue. The cost will be maintained in journal processing charges paid by the authors.
  • There is no subscription to the journal. Anyone who can help this paper in any way will be gratefully received.
  • Journal processing charge has to be credited to our academy account. Whatever it is, it should be through a bank account. It is the overall opinion of the Academy that the financial system should be transparent.

Editor-in-Chief's Introduction

Study: 

He was born as the 8th son of Vidwan Ganapathi Kuppaiah Hegde and Mrs. Gauri Hegde in 1963 in Hegde village of KumtaTaluk, Uttara Kannada district, Karnataka state.

Early education at home village. Later in Kavalakki, Sanskrit and Vedic childhood education was from the President’s award-winning scholar Ramachandra Shastri. Later, he studied astrology at Udupi Sanskrit College under Vidwan Prof. Srinivasa Adiga. In 1987 he passed the Jyotish Vidwaduttama (M. A.) examination in the specialty category. Later studied theology under Chatuhshastra Vidwan Kota Vasudeva Somayaji at Mysore Maharaja Sanskrit College. In 1988, he passed the Dharmashastra Vidwaduttama (M. A.) examination with distinction.

In 2013, Under the guidance of Prof. Dr. A. Sripada Bhat, at Tirupati Rashtriya Sanskrit Vidyapeeth, he was awarded the Vidyavaridhi (Doctorate) degree for his dissertation on the topic “Tavmayajva virachitayaha Kamadogdhryakhyaya Surya siddhanta teekayaha Sampadanam Adhyayanam Cha”.

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Editorial Advisory Board

 

Dr. Gopakrishna Hegde, Hegde

JyotishaShastra & Dharma Shastra Vidwan

Mobile : 9741847399

E-mail : [email protected]

Editor in Chief

Director, Veda Samskrita Academy (Regd.)

# 1347, Kalkod Road, HEGDE-581330

Kumta, Uttarakannada, Karnataka

 

Board Of Experts And Refrees

 

1. Prof. N. Laxminarayana Bhatta, Udupi

Mobile : 9481750414

E-mail : [email protected]

Rtd. Principal,

S.M.S.P. Samskrita College,

Udupi-576101, Karnataka

2. Prof. Ramachandra Bhat, Sirsi

Mobile : 9480019152

E-mail : [email protected]

Rtd. Principal

“Surabhi”, # : 6, 1 st cross, Mahalakshmi Layout

P.O.: N.M. Yard- 581402, Hubli Road

Sirsi, Uttarakannada, Karnataka

3. Prof. Shankar Nagesha Bhat, Baligadde

Mobile : 9480954301

E-mail : [email protected]

Rtd. Professor, Dept. Of Advaita Vedanta Shastra

Samskrita College, Swarnavalli Matha, P.O. : Mathadevala-581336, Sirsi, Uttarakannada, Karnataka

4. Prof. Venkataramana Hegde, Mysuru

Mobile : 9480476144

E-mail : [email protected]

Professor, Dept. Of Dharma Shastra,

Govt. Maharaja Samskrita College,

New Sayyajirao Road, Mysuru-570024, Karnataka

5. Dr. U. G. Shastri, Hegde

Mobile : 9449992160

E-mail : [email protected]

Rtd. Principal

‘Manasa’ Pancharabena, P.O. : HEGDE-581330

Kumta, Uttarakannada, Karnataka

6. Dr. G. L. Hegde, Kumta

Mobile : 9448441190

E-mail : [email protected]

Rtd. Professor,

Research Guide, Kannada Vishwa Vidyalaya, Hampi

‘Amrutavarshini’ Manaki, Kumta-581343,

Uttarakannada, Karnataka

7. Dr. Narayan Pujar, Tirupati

Mobile : 9490077161

E-mail : [email protected]

Professor, Dept. Of Dvaita Vedanta Shastra

National Sanskrit University, Tirupati-517507,

Andhrapradesha

8. Dr. Nagaraja G. Bhat, Holanagadde

Mobile : 9535668177

E-mail : [email protected]

‘Shreenaga Ayurdhama’

Holanagadde-581351,

Kumta, Uttarakannada, Karnataka

9. Dr. Bhaskar Bhat, Joshi, Bengaluru

Mobile : 9742269403

E-mail : [email protected]

Professor, H.O.D. of Nyaya Vaisheshika

Karnataka Samskrita University, Chamaraja Pete-560018, Bengaluru, Karnataka

10. Dr. Vighneshwar Bhat, Mysuru

Mobile : 9449677863

E-mail : [email protected]

Assistant Professor, International Centre for Spiritual Studies & Dept. of Languages, Amrita Vishwa Vidyapeetham, Mysuru Campus, # 114, 7th cross, Ring Road, Bogadi 2nd stage,Mysuru             – 570026, Karnataka

11. Prof. Shridhar Bhat, Ainkai

Mobile     No. : 8660750311                 

E-mail : [email protected]

Dept. of Sanskrit and Vedic Studies, Sri Sathya Sai University for Human Excellence, Navanihala, Kamalapur, Kalaburagi- 585313, Karnataka

12. Dr. Ravindra Krishna Bhat, Soori

(राज्योत्सवप्रशस्तिपुरस्कृतः)

Mobile No. : 9448028443

E-mail : [email protected]

Head Master (Inc.), Govt. H. P. S. Holanagadde

“Shreedhara Nilaya”, Pancharabena

P.O. : Hegde- 581330, Kumat, Uttarakannada, Karnataka

 

Photos of on the occassion of Journal Publication

Contact

VEDA SAMSKRIT ACADEMY (R)

Kalod Road Hegde 581 330, KUMTA, UTTARA KANNADA, KARANTAKA

Ph: +919741847399

E-mail ID – [email protected]