LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN I VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1. | भावना | विद्वान् कृष्ण जोशि, मूलेमने | संस्कृतम् |
2. | स्वाराज्यसिद्धौ ब्रह्मणः स्वरूपलक्षणपरामर्शः | विद्वान् महाबलेश्वर भट्ट, किरकुंभत्ति | संस्कृतम् |
3. | संस्कृते पदद्वन्द्वानाम् अर्थभेदवैचित्र्यम् | विद्वान् शङ्कर भट्ट, उङ्चल्लि | संस्कृतम् |
4. | श्रौतकर्माधिकारः | विद्वान् विनायक भट्ट, जुङ्जगोडु | संस्कृतम् |
5. | ಕಾರುಣ್ಯಂ ಭವಭೂತಿರೆವ ತನುತೇ | विदुषी शोभा जि. भट्ट, शिवमोग्ग | कन्नड |
6. | अलङ्कारसर्वस्वविमर्शिन्याम् उपमालङ्कारविमर्शः | विद्वान् एन्. सुब्रह्मण्य भट्ट, मैसूरु | संस्कृतम् |
7. | चित्रमीमांसायाः तत्त्वालोकव्याख्यायाम् अपह्नुत्यलङ्कारविमर्शः | विद्वान् एन्. आर्. मुरलीधर, मैसूरु | संस्कृतम् |
8. | श्रीमद् भागवते एकादशस्कन्धस्य वैशिष्ट्यम् | विदुषी डा. सि.पि.सीतापद्म, होन्नावर | संस्कृतम् |
9. | सह नाववतु मन्त्रार्थः, विश्वशान्तिश्च | डा. रामकृष्ण शास्त्री, सूरी, होन्नावर | संस्कृतम् |
10. | उपनिषत्सु महानारायणोपनिषदः महत्त्वं वैशिष्ट्यं च | विद्वान् शङ्कर भट्ट, बालिगद्दे | संस्कृतम् |
11. | शिवरात्रिसमालोचनम् | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
12. | न्यायमते पदार्थविचारः | विद्वान् नागपति भट्ट, एम्मेगुण्डि | संस्कृतम् |
13. | ಭಗವದ್ಗೀತೆಯಲ್ಲಿ ಅಕ್ಷರಬ್ರಹ್ಮಯೋಗ ಮತ್ತು
ಓಂಕಾರದ ಮಹತ್ತ್ವ |
विदुषी आर्. गीता, भद्रावति | कन्नड |
14. | जातवेददीक्षिरप्रणीतायाम् अमरकोशबृहद्वृत्तौ सुबोधिन्यां वनौषधीनाम् अर्थनिएदेशनशैली | विद्वान् राजशेखर रेड्डि, तिरुपति | संस्कृतम् |
15. | कामदोग्ध्रीव्याख्यानस्य वैशिष्ट्यम् | डा. गोपालकृष्ण हेगडे, हेगडे | संस्कृतम् |
16. | एको देवः सर्वभूतेषु गूढः | डा. श्रीधर भट्ट, ऐनकै, कृष्णराजनगर | संस्कृतम् |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN II VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.17 | अखण्डार्थविमर्शः | विदुषी शकुन्तला भट्ट, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
2.18 | साहित्यमीमांसाविषयविवेचनम् | विद्वान् गोपाल नागेश भट्ट, उम्मचगि | संस्कृतम् |
3.19 | कठोपनिषदि ’ऋतं पिबन्तौ’ इत्यस्मिन् श्लोके विद्यमानदृष्टान्तविमर्शः | विदुषी श्रुतिः एच्. के., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
4.20 | माघकाव्ये वर्णविन्यासवक्रता | विदुषी पल्लवी बि. वि., शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
5.21 | संस्कृतशिक्षायां प्राच्याधुनिकधाराभेदयोः विमर्शः | विद्वान् मुकेश कुमारः, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
6.22 | शारीरकमीमांसाभाष्यस्य वैशिष्ट्यम् | विदुषी रञ्जनी भट्ट बि. एस्., तिरुपति | संस्कृतम् |
7.23 | वैयाकरणाभिमतशब्दशक्तिः शाब्दबोधश्च | विद्वान् गणपतिः, व्यासराजपुरम् | संस्कृतम् |
8.24 | ಸುಭಾಷಿತಗಳಲ್ಲಿ ವ್ಯಾಯಾಮ ಮತ್ತು ಪ್ರಾಣಾಯಾಮದ ಮಹತ್ತ್ವ | विद्वान् रवि बि. एम्., शिवमोग्ग | कन्नड |
9.25 | नाट्योत्पत्तिः विकासश्च | विदुषी दीपा हेगडे, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
10.26 | ’भावे सर्वलिङ्गो निर्देशः’ इति वार्तिकसमीक्षा | विदुषी पि. आर्. अर्चना कारन्त, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
11.27 | वायुरप्रत्यक्षः | विद्वान् राघवेन्द्र पि. आरोळ्ळि, शृङ्गेरी | संस्कृतम् 2 |
12.28 | ನೀತಿಕವಿ ಭರ್ತÈಹರಿ | विद्वान् मञ्जुनाथ हेगडे, मैसूरु | कन्नड |
13.29 | न्यायरक्षामणिग्रन्थवैशिष्ट्यम् | विद्वान् गणेश हेगडे, तिरुपति | संस्कृतम् |
14.30 | शिक्षाशास्त्रस्य भूमिका | विद्वान् ऋषिदेव भार्गव एन्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
15.31 | न्यायरक्षामणौ प्रकृत्यधिकरणे पञ्चम्यर्थनिर्देशः | विद्वान् उदयन हेगडे, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
16.32 | दैवज्ञकामधेनुग्रन्थस्य वैशिष्ट्यम् | विद्वान् मुरलीश्याम एच्., तिरुपति | संस्कृतम् |
17.33 | श्रीपरमेश्वरमतानुसारं मध्यमग्रहाणां
मध्यमसंस्कारविधिः |
विद्वान् चित्तरञ्जन नायकः, तिरुपति | संस्कृतम् |
18.34 | श्रीबसवेश्वरवचनेषु प्रतिपादितगुरुलिङ्गजङ्गमानां
स्वरूपं महत्त्वं च |
डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
19.35 | श्रीकृष्णजन्माष्टमीव्रतविमर्शः | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN III VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.36 | श्रीकृष्णजयन्ती विमर्शः | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
2.37 | योगदर्शनेषु स्वप्नविचारः | विद्वान् राचोटि देवः, मैसूरु | संस्कृतम् |
3.38 | अहोरात्रमानविचारः | डा. नागेश भट्टः के. सि., उम्मचगि | संस्कृतम् |
4.39 | बाहुबलिविजयरूपके पूर्वरङ्गपरामर्शः | विद्वान् गणेशः, उम्मचगि | संस्कृतम् |
5.40 | उपनिषत्कालीनशिक्षायाः आधुनिककाले महत्त्वम्
उपयोगिता च |
विदुषी श्रुतिः एच्. के., शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
6.41 | श्रीपत्युक्त-अरिष्टभङ्गविमर्शः | विद्वान् रमानन्द भट्टः, एन्., शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
7.42 | ನಾಟಕದ ಉತ್ಪತ್ತಿಯ ಭಾರತೀಯ ಪರಂಪರೆಯಲ್ಲಿ
ವೇದಗಳ ಸಂವಾದ ಸೂಕ್ತಗಳು |
डा. प्रसन्नकुमार ऐताळ, उजिरे | कन्नड |
8.43 | ज्योतिःप्रदीपोक्त-अर्गलाविमर्शः | विद्वान् श्रीपति ऐताळ, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
9.44 | श्रीबसवेश्वरवचनेषु प्रतिपादितभस्मदुद्राक्षमन्त्राणां
च स्वरूपं महत्त्वं च |
डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
10.45 | निषेकसंस्कारपरामर्शः | प्रो. वि. एस्. विष्णुभट्टाचार्युलु, तिरुपति | संस्कृतम् |
11.46 | व्याकरणशास्त्रमधिकृत्य परिभाषाचिन्तनम् | विद्वान् वेङ्कटेश गजानन भट्ट, उम्मचगि | संस्कृतम् |
12.47 | ಋಗ್ವೇದ ಸಂಹಿತೆಯಲ್ಲಿ ಇಂದ್ರದೇವತೆಯ ಲಕ್ಷಣ
ವಿಶೇಷಗಳು |
विद्वान् सत्यकृष्ण भट्ट, मङ्गळूरु | कन्नड |
13.48 | ಭವಭೂತಿಯ ನಾಟಕಗಳಲ್ಲಿ ರಸ | विद्वान् बि. योगेश बाबु, शिवमोग्ग | कन्नड |
14.49 | मुहूर्तः | विद्वान् सुब्रह्मण्य भट्ट, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
15.50 | ज्योतिषशास्त्रस्य वेदाङ्गत्वम् | डा. गोपालकृष्ण हेगडे, हेगडे | संस्कृतम् |
16.51 | न्यायमतरीत्या पदार्थ-पदार्थसंसर्गयोः विचारः | विद्वान् नागपति के. भट्ट, एम्मेगुण्डि | संस्कृतम् |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN IV VOLUME 3
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.52 | अथर्ववेदे व्रात्यसञ्चितन्म् | डा. के. नारायण भट्टः, मैसूरु | संस्कृतम् |
2.53 | वातुलशुद्धागमसमीक्षा लिङ्गपूजामहत्त्वं च | विद्वान् राचोटि देवः, मैसूरु | संस्कृतम् |
3.54 | ವೀರಶೈವ ಸಂಸ್ಕಾರಗಳು | विद्वान् पण्डिताराध्यः, बेङ्गळूरु | कन्नड |
4.55 | ನೈಷಧ ಮತ್ತು ಸಹ್ಲದಯಾನಂದ ಕಾವ್ಯಗಳಲ್ಲಿ
ಸ್ತ್ರೀ ಚಿಂತನೆ |
विद्वान् एच्. पद्मनाभः, शिवमोग्ग | कन्नड |
5.56 | कर्नाटकराज्ये वेदान्तशास्त्राणां विकासस्य अध्ययनम् | विद्वान् षण्मुखः, उडुपि | संस्कृतम् |
6.57 | वाक्यपदीये ईप्सितकर्मविचारः | विदुषी डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
7.58 | ಪಾಣಿನೀಯ ವ್ಯಾಕರಣ ಮತ್ತು ಕಂಪ್ಯೂಟರ್
ತಂತ್ರಜ್ಞಾನ |
विद्वान् ऋषिदेव भार्गव एन्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
8.59 | ರೂಪಕ ಪದಾರ್ಥಗಳು ಮತ್ತು ಅಥರ್ವವೇದೀಯ
ಉಪನಿಷತ್ತುಗಳು |
विदुषी डा. सुमित्रा वि. भट्ट, शिवमोग्ग | कन्नड |
9.60 | ಶ್ರೀರಾಮಾಯಣದ ಪ್ರಸ್ತುತತೆ | डा. गुरुराज राव् सि. एच्., मैसूरु | कन्नड |
10.61 | ಸಂಸ್ಕöÈತಕ್ಷೇತ್ರಕ್ಕೆ ಶ್ರೀಸ್ವರ್ಣವಲ್ಲೀ ಮಹಾಸಂಸ್ಥಾನದ
ಕೊಡುಗೆ- ಒಂದು ಸಮೀಕ್ಷಾತ್ಮಕ ಅಧ್ಯಯನ |
विद्वान् आर्. शिवकुमारस्वामी, स्वर्णवल्ली | कन्नड |
11.62 | हरिशास्त्रिकृत व्याख्यानचन्द्रिकाव्याख्यानुगुणम्
’उभयगतिरिह भवति’ इति परिभाषाचिन्तनम् |
विद्वान् वेङ्कटेश गजानन भट्ट, उम्मचगि | संस्कृतम् |
12.63 | व्याकरणशिक्षणे आधुनिकविधयः | विद्वान् ए. लक्ष्मीराजेशः, तिरुपति | संस्कृतम् |
13.64 | ಮಂಡಲಗಳು- ಒಂದು ಅಧ್ಯಯನ | डा. गोपालकृष्ण हेगडे, हेगडे | कन्नड |
14.65 | ज्योतिषीयमनोविज्ञानम् | विद्वान् हरिहरन् एस्., तिरुपति | संस्कृतम् |
15.66 | काव्यस्वरूपम् | विद्वान् केशवकिरण बि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
16.67 | ध्वनिविमर्शः | विदुषी गौरी हेगडे, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
17.68 | धर्मः पुरुषार्थः | प्रो. वि. विष्णुभट्टाचार्युलु, तिरुपति | संस्कृतम् |
18.69 | सङ्गीतस्य आयुर्वेदानुसारं चिकित्सोपयोगित्वम् | विद्वान् दत्तत्रेय हेगडे, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
19.70 | श्रीबसवेश्वरस्य वचनेषु प्रतिपादितपादोदक-
प्रसादयोः स्वरूपं महत्त्वं च |
डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
20.71 | प्रतिसांवत्सरिकश्राद्धे मासविचारः | विद्वान् डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN V VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language | ||
1.72 | ಸಂಸ್ಕೃತಕ್ಷೇತ್ರಕ್ಕೆ ಶ್ರೀಸ್ವರ್ಣವಲ್ಲೀ ಮಹಾಸಂಸ್ಥಾನದ ಕೊಡುಗೆ- ಒಂದು ಸಮೀಕ್ಷಾತ್ಮಕ ಅಧ್ಯಯನ | विद्वान् आर्. शिवकुमारस्वामी, स्वर्णवल्ली | कन्नड | ||
2.73 | एकदेवतायाः उपासनम् | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् | ||
3.74 | ध्वनिस्वरूपम् | विद्वन् पण्डिताराध्यः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||
4.75 | ಶೈವೋಪನಿಷತ್ತುಗಳಲ್ಲಿ ವಿವರಿಸಿದಂತೆ ಭಸ್ಮದ
ಪರಿಶೀಲನೆ |
विद्वान् एस्. दयाशङ्करः, बेङ्गळूरु | कन्नड | ||
5.76 | मन्त्रब्राह्मणोपनिषदि राजयोगस्वरूपम् | डा. पि. हेच्. विजयलक्ष्मी, मैसूरु | संस्कृतम् | ||
6.77 | दैवज्ञवल्लभायां मनोमुष्टिप्रस्ने धातुमूलजीवानां विचारः | विद्वान् बि. वेङ्कटकृष्णः, तिरुपति | संस्कृतम् | ||
7.78 | आयुर्वेदग्रन्थेषु रोगनिर्धारणे
प्रतिपादिताःज्योतिषांशाः |
विद्वान् एम्.वि.एस्. वीरनागेन्द्रः, तिरुपति | संस्कृतम् | ||
8.79 | ಶಕುನಮಾಲಾ | डा. गुरुराज राव् सि. एच्., मैसूरु | कन्नड 4 | ||
9.80 | रत्नत्रयस्य विभावादि रूपत्वविवेचनम् | विद्वान् नागेशः, उम्मचगि | संस्कृतम् | ||
10.81 | मुहूर्तग्रन्थे श्राद्धदिनप्रमाणमधिकृत्य किञ्चित् | विद्वान् सुब्रह्मण्य भट्ट, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||
11.82 | अत्रायं सुगमः प्रकारः……. | विद्वान् रमानन्द भट्टः एन्., शृङ्गेरी | संस्कृतम् | ||
12.83 | न्यायशास्त्रे प्रमाणस्वरूपम् | विद्वान् एस्. एस्. निरञ्जनमूर्ति, तुमकूरु | संस्कृतम् | ||
13.84 | आचार्यमध्वदृष्ट्या वेदार्थचिन्तनक्रमः | विद्वान् के. प्रभाकर भट्टः, तिरुपति | संस्कृतम् | ||
14.85 | तैत्तिरीयशाखोक्तदिशा वाजपेयस्य अनुष्ठानविवेचनम् | विद्वान् नागराज भट्टः, स्वर्णवल्ली | संस्कृतम् | ||
15.86 | स्वाराज्यसिद्धौ बन्धस्य आध्यासिकत्वनिरूपणम् | विद्वान् महाबलेश्वर भट्टः, किरकुम्भत्ति | संस्कृतम् | ||
16.87 | शाब्दबोधहेतवः | विद्वान् नरसिंह नारायण भट्टः, स्वर्णवल्ली | संस्कृतम् | ||
17.88 | नित्यतर्पणम् | डा. वेङ्कटरमण भट्टः, मैसूरु | संस्कृतम् | ||
18.89 | महानारायणोपनिषदुक्तानां सूक्तानां विचारः | विद्वान् शङ्कर नागेश भट्टः, बालिगद्दे | संस्कृतम् | ||
19.90 | मार्कण्डेयपुराणे आश्रमधर्मः | डा. कुमारसुब्रह्मण्य भट्टः ए., मङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN VI VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.91 | वैखानसं श्रीमन्नारायणपारम्यम् | प्रो. वि. विष्णुभट्टाचार्युलु, तिरुपति | संस्कृतम् |
2.92 | शिवलिङ्गपूजायां कर्मज्ञानयोः सम्बन्धः | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
3.93 | ’चादयो सत्त्वे’ इति सूत्रविमर्शः | विद्वान् श्रीनिवासः, मैसूरु | संस्कृतम् |
4.94 | ಸಾಹಿತ್ಯವಾರಿಧಿಯಿಂದೆದ್ದ ನವನೀತ | विद्वान् नागेन्द्रः, श्रीआदिचुञ्चनगिरि | कन्नड |
5.95 | मानवः | विद्वान् शम्भुलिङ्ग उपाध्यायः, मङ्गळूरु | संस्कृतम् |
6.96 | ವೀರಶೈವಧರ್ಮಶಿರೋಮಣಿಯಲ್ಲಿ ಗುರುವಿನ
ಮಹತ್ತ್ವ |
विदुषी शोभा, श्रीसिद्धगङ्गा मठ, तुमकूरु | संस्कृतम् |
7.97 | Women in Sudraka’s Mrichchakatika | विदुषी उषा बि., मसूरु | English |
8.98 | ಬಸವಣ್ಣನವರ ವಚನಗಳಲ್ಲಿ ಸಂಸ್ಕöÈತದ ಪ್ರಭಾವ | विदुषी सुनन्दा भूपाळि, मैसूरु | कन्नड |
9.99 | ಸ್ತ್ರೀ ಅಸ್ಮಿತೆಯಡಿಯಲ್ಲಿ ಸೀತೆಯ ಪಾತ್ರ | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | कन्नड |
10.100 | पूर्वमीमांसाप्रतिपाद्यः प्रत्यक्षविमर्शः | विद्वान् श्रीकृष्ण भट्टः, मैसूरु | संस्कृतम् |
11.101 | दशविधलिङ्गोपासनद्वारा मानवस्य परिपूर्णत्वम् | पि. बि. मोहनभैरवः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
12.102 | कैवल्यसारद्रन्थोक्तरीत्या दीक्षागुरुस्वरूपं महत्त्वं च | विद्वान् शिवकुमारस्वामी, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
13.103 | तैत्तरीयशाखोक्तदिशा वाजपेयस्य अनुष्ठानविवेचनम् | विद्वान् नागराज भट्टः, स्वर्णवल्ली | संस्कृतम् |
14.104 | ಅಲಂಕಾರ ಮತ್ತು ಗುಣ | विद्वान् सि. अश्वथप्प, तुमकूरु | कन्नड |
15.105 | दण्डविचारः | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
16.106 | उदयनाचार्यमतेन विद्ध्यर्थवादः | विद्वान् नरसिंह नारायण भट्टः, स्वर्णवल्ली | संस्कृतम् |
17.107 | परिभाषेन्दुशेखरस्य ध्वननप्रकाराणाम् अध्ययनम् | विद्वान् राजेश शास्त्री, उम्मचगि | संस्कृतम् |
18.108 | व्यासशिक्षायाम् अच् सन्धिविमर्शः | विद्वान् सत्यनारायणः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN VII VOLUME 5
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.109 | भोजराजविरचित-नौटीलायुक्तमुहूर्ततत्नाकरे गेहारम्भविमर्शः | विद्वान् भालचन्द्र भट्टः, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
2.110 | द्विसन्धानकाव्यम् | विद्वान् दत्तात्रेय हेगडे, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
3.111 | ಸತ್ಯ ಮತ್ತು ಧರ್ಮದ ಪ್ರತಿರೂಪ ಶ್ರೀರಾಮ | विद्वान् गणेशमूर्ति हेच्. एस्., मैसूरु | कन्नड |
4.112 | Significance of Vaisampayana’s Introducation to the Visnusahasranama
As per Bhagavannaamamantrarasodaya Of Bodhendra |
श्रीमति गौरी श्रीनिवास, बेङ्गळूरु | English |
5.113 | ಮಧ್ಯಮವ್ಯಾಯೋಗದ ಸಾರ್ವಕಾಲಿಕ ಪ್ರಸ್ತುತತೆ | डा. एम्. ए. शृतिकीर्ति, शिवमोग्ग | कन्नड |
6.114 | Sristi, Sthiti and Laya in the Puranas | डा. शोभा जि. भट्ट, शिवमोग्ग | English |
7.115 | शक्तिविशिष्टाद्वैतसिद्धान्ते परशिवब्रह्मणः स्वरूपम् | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | English |
8.116 | चन्द्रज्ञानागमोक्तरीत्या गुरोः स्वरूपं महत्त्वाधिकं च | नीलकण्ठय्य पुराणिकमठ, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
9.117 | वीरशैवेन्दुशेखरग्रन्थे प्रतिपादितविषयाणां संक्षिप्तः सारः | पि. बि. मोहनभैरवः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
10.118 | ಹಸ್ತಪ್ರತಿಗಳ ಮಹತ್ತ್ವ | डा. विजयलक्ष्मी पि. हेच्., मैसूरु | कन्नड |
11.119 | लघुमञूषायां नागेशभट्टोक्तलक्षणविचारः | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
12.120 | लिङ्गधारणचन्द्रिकाग्रन्थाध्ययनस्य महत्त्वम् | एन्. एस्. रुद्रकुमारः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
13.121 | कैवल्यसारोक्त चतुर्विधसारस्य स्थलस्वरूपम्
उपाधिदानस्थलमहत्त्वं च |
शिवकुमारस्वामी, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
14.122 | श्रीबसवेश्वरवचनेषु षट् स्थलस्वरूपम् | सौम्य एन्., नञ्जनगूडु | संस्कृतम् |
15.123 | श्राद्धाङ्गतर्पणम् | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
16.124 | ’वेदात् नाट्यवेदः’ एकः विमर्शः | विद्वान् नवीन भट्टः, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
17.125 |
ಶಿವಯೋಗದಲ್ಲಿ ಆನಂದ |
श्रीमति शोभा, श्रीसिद्धगङ्गामठ, तुमकूरु | कन्नड |
18.126 | भौमीपरिणयनाटके वर्णितानि नैतिकमौल्यानि | डा. मञ्जुनाथ भट्टः, कार्कळ | संस्कृतम् |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN VIII VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.127 | विवाहसंस्कारः वधूश्च | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
2.128 | तैत्तिरीये शतरुद्रमन्त्राणां वैशिष्ट्यम् | विद्वान् महेश गणपति भट्टः, स्वर्णवल्ली | संस्कृतम् |
3.129 | जीवनार्थविद्याः-कृषिपाशुपाल्यं वाणिज्यम् | डा. नागलक्ष्मी एस्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
4.130 | ಬೀಜಸಂಸ್ಕಾರಃ | डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
5.131 | ಆಚಾರ್ಯರಿಂದಾದ ಲೋಕೋಪಕಾರಕಗಳು ಹಾಗೂ ಸರ್ವಮತ ಸಾಮರಸ್ಯ | विद्वान् चन्द्रशेखर हेगडे, धारवाड | कन्नड |
6.132 | काशकृत्स्नधातुपाठस्य वैशिष्ट्यम् अध्ययनस्य
अवश्यकता च |
विद्वान् उदयन हेगडे, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
7.133 | Insights in to Jnanamarga through
Shankar’s Bhajagovindam |
डा. सुमित्रा वि. भट्ट, शिवमोग्ग | English |
8.134 | ಭಗವದ್ಗೀತೆ ಮತ್ತು ಯೋಗದರ್ಶನ | श्रीमति दुर्गापरमेश्वरी एच्. सि., मैसूरु | कन्नड |
9.135 | अथर्ववेदे स्वप्नविचारः | श्री राचोटी देवः, मैसूरु | संस्कृतम् 6 |
10.136 | ಉಪಾಖ್ಯಾನಗಳಲ್ಲಿ ಬರುವ ಇಂದ್ರಿಯನಿಗ್ರಹ
ವಿಚಾರಗಳು |
श्री चन्नबसवय्य, मैसूरु | कन्नड |
11.137 | ಸೀತಾರಾವಣ ಸಂವಾದ ಝರಿಯ ವೈಶಿಷ್ಟ್ಯ | डा. विजयलक्ष्मी पि. एच्., मैसूरु | कन्नड |
12.138 | ಸಹೃದಯನ ಲಕ್ಷಣಗಳು | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | कन्नड |
13.139 | कृष्णयजुर्वेद-आशीर्वादमन्त्रेषु राष्ट्रियपरिकल्पना | विद्वान् रामचन्द्र भट्टः, उम्मचगि | संस्कृतम् |
14.140 | ಮಹಿಳೆ ಮತ್ತು ಸಮಾಜ | डा. शोभा जि. भट्टः, शिवमोग्ग | कन्नड |
15.141 | ಭಾರತೀಯ ಸಂಸ್ಕöÈತಿ; ಸಂಸ್ಕöÈತದ ತಳಹದಿಯ ಮೇಲೆ ನಿಂತಿದೆ | डा. नागेन्द्रः, आदिचुञ्चनगिरि | कन्नड |
16.142 | लिङ्गदर्शन-धारणयोः सर्वोत्कृष्टत्वप्रतिपादनम् | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
17.143 | शिवशरण्यानां दृष्टौ अल्लमप्रभुपादाः | श्रीशम्भुलिङ्ग हिरेमठ, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
18.144 | सनत्सुजातीयोक्त नैतिकविचाराः | श्रीकान्त आर्. बाळ्तिल्लायः, धर्मस्थल | संस्कृतम् |
*LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN IX VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.145 | रसस्य दर्शनम् | डा. चन्द्रकला आर्. कोण्डी, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
2.146 | महाभारतस्य ऐतिहास्कत्वम् | श्रीकान्त आर्. बाळ्तिल्लायः, धर्मस्थल | संस्कृतम् |
3.147 | लकाराणां परिचयः अर्थविवरणं च | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
4.148 | ವಿಶಾಖದತ್ತನ ದೃಷ್ಟಿಯಲ್ಲಿ ಅಮಾತ್ಯರಾಕ್ಷಸ | डा. नागेन्द्रः, श्रीआदिचुञ्चनगिरि | कन्नड |
5.149 | Life and Health Science in Ayurveda | डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | English |
6.150 | चिच्छक्तिविशिष्टस्य परमशिवस्य अक्षरशब्दवाच्यत्व-निरूपणम् | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
7.151 | Ancient Wisdom | डा. नागलक्ष्मी एस्., बेङ्गळूरु | English |
8.152 | ಮೇಘಸಂದೇಶ ಮತ್ತು ಮೇಘಪ್ರತಿಸಂದೇಶ ಕಾವ್ಯಗಳ ತೌಲನಿಕ ಅಧ್ಯಯನ | टि. एस्. कुमारस्वामी, तुमकूरु | कन्नड |
9.153 | ಕನ್ನಡ ವ್ಯಾಕರಣ ಕೃತಿಗಳಾದ ಶಬ್ದಾನುಶಾಸನ ಮತ್ತು ಶಬ್ದಮಣಿದರ್ಪಣಗಳ ಮೇಲೆ ಸಂಸ್ಕöÈತ ವ್ಯಾಕರಣದ ಪ್ರಭಾವ-ಒಂದು ತೌಲನಿಕ ಅಧ್ಯಯನ | गङ्गराजु एन्., तुमकूरु | कन्नड |
10.154 | Sadvritta | डा. रूपा भट्ट, एम्.डि. (आयुर्वेद) सिद्दापुर | English |
11.155 | न्यायवैशेषिकमतरीत्या मोक्षस्वरूपम् | एस्. एस्. निरञ्जनमूर्ति, तुमकूरु | संस्कृतम् |
12.156 | ಸಂಸ್ಕೃತಕ್ಷೇತ್ರಕ್ಕೆ ಶ್ರೀಸ್ವರ್ಣವಲ್ಲೀ ಮಹಾಸಂಸ್ಥಾನದ
ಕೊಡುಗೆ- ಒಂದು ಸಮೀಕ್ಷಾತ್ಮಕ ಅಧ್ಯಯನ |
विद्वान् आर्. शिवकुमारस्वामी, स्वर्णवल्ली | कन्नड |
13.157 | काव्यलक्षणे ’अदोष’ शब्दस्य साधुत्वम् | विनय एच्. वि., शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
14.158 | ಶೈವೋಪನಿಷತ್ತುಗಳಲ್ಲಿ ಪ್ರತಿಪಾದಿಸಿರುವಂತೆ
ರುದ್ರಾಕ್ಷದ ಉತ್ಪತ್ತಿ, ಧಾರಣೆ ಮತ್ತು ಫಲ |
विद्वान् एस्. दयाशङ्करः, बेङळूरु | कन्नड |
15.159 | योऽहं सोऽसौ योऽसौ सोऽहम् | प्रो. वि. एस्. विष्णुभट्टाचार्युलु, तिरुपति | संस्कृतम् |
16.160 | बसवादि शिवशरण्यानां जीवनक्रमे अल्लमप्रभुदेवस्य वचनानां प्रभावः | शम्भुलिङ्गय्य हिरेमठ, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
17.161 | जङ्गमस्वरूपमहत्त्वयोः निरूपणम् | नीलकण्ठय्य पुराणिकमठ, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
18.162 | लिङ्गधारणस्वरूपं महत्त्वं च | पि. बि. मोहनभैरवः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् 7 |
19.163 | मलमासविचारः | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
20.164 | बृहज्जातकस्य प्रसूतिकाध्यायोक्तयोगानां
प्रश्नोपयोगित्वम् |
विद्वान् विनायक भट्टः, तिरुपति | संस्कृतम् |
21.165 | दैनन्दिनजीवने ज्यौतिषस्य उपयोगः | डा. कुमारसुब्रह्मण्य भट्टः ए., मङ्गळूरु |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN X VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.166 | राम-माधवयोः ग्रहमैत्रीकूटविचारे चिन्तनम् | विद्वान् रामकृष्णः, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
2.167 | ’हंसदेवस्य मृगपक्षिशास्त्रम्’ गजदृष्ट्या एकं चिन्तनम् | श्री एम्. सि. नागराजः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
3.168 | The Philosophical Principal of Dharma
In Mahabharata |
श्रीरमानन्द भट्टः डि., मैसूरु | English |
4.169 | गागाभट्टविरचिता पदवाक्यार्थपञ्चिकाख्या
नैषधव्याख्या |
आचार्या कविता भट्ट, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
5.170 | ವೀರಶೈವಸಿದ್ಧಾಂತೇ ಅಷ್ಟಾವರಣಸ್ಯ ಮಹತ್ತ್ವಮ್ | विद्वान् सि. रेणुकाराध्यः, शिवमोग्ग | कन्नड |
6.171 | आनन्दवर्धनस्य ध्वनिसिद्धान्तः | डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
7.172 | नाट्यशास्त्रोक्त-सात्विकाभिनयः | विद्वान् नवीन भट्टः, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
8.173 | संस्कृतभारत्याः पृष्ठभूमिः; कर्नाटकम् | शीमति बङ्गारम्मा के., शिवमोग्ग | संस्कृतम् |
9.174 | वीरशैवेन्दुशेखरोक्तरीत्याभक्तमाहेशप्रसादीस्थलस्वरूपम् | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
10.175 | शब्दशक्तिः | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
11.176 | कौटिलीय-अर्थशास्त्रे राज्यभारविचारः | डा. बि. गोविन्दः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
12.177 | ’तत्त्वमसी’त्यत्र जीवब्रह्मणोः सामानाधिकरण्यम् | विदुषी शकुन्तला भट्ट, बेङ्गळूरु | कन्नड |
13.178 | भक्तेः कर्मज्ञानयोः मार्गयोः गरीयसत्वम् | डा. श्रुतिः एच्. के., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
14.179 | ಸಂಸ್ಕೃತ ಸಾಹಿತ್ಯಕ್ಕೆ ಚಾಲುಕ್ಯರ ಕಾಲದ ಜೈನ ಕವಿಗಳ
ಕೊಡುಗೆ |
डा. शोभा जि. भट्ट, शिवमोग्ग | कन्नड |
15.180 | Indian leading women writers Shashi Deshapande and Vaidehi’s way of writing short stories | श्रीमति दीक्षा कामत, शिवमोग्ग | English |
16.181 | यज्ञपत्युपाध्यायमतेन सामान्यलक्षणाप्रत्यासत्ति
साधनम् |
विद्वान् राघव के. एल्., तिरुपति | संस्कृतम् |
17.182 | ಮಂಡಿಕಲ್ ರಾಮಾಶಾಸ್ತ್ರಿಯವರ ಬದುಕು ಬರಹ | श्रीमति सविता एन्., शिवमोग्ग | कन्नड |
18.183 | ವಚನಕಾರ್ತಿಯರಲ್ಲಿ ವೈಚಾರಿಕ ಪ್ರಜ್ಞೆ | डा. हालमा एम्., शिवमोग्ग | कन्नड |
19.184 | लिङ्गधारणविधेः वैदिकता | विद्वान् रुद्रकुमारः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
20.185 | ಅಭಿಜ್ಞಾನಶಾಕುಂತಲದಲ್ಲಿ ತತ್ತ್ವಗಳ ಝೇಂಕಾರ | विद्वान् आर्. जगन्नाथ पूजार, बेङ्गळूरु | कन्नड |
21.186 | भागवतोक्तं बालकृष्णस्तवरूपं जनहितचिन्तनं च | विद्वान् प्रदीप जोशि, सिद्दापुर | संस्कृतम् |
22.187 | सम्प्रज्ञात-सम्प्रज्ञानस्वरूपविचारः | विदुषी वीणा हेगडे, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
23.188 | षडङ्गानां कल्पविभागे धर्मशास्त्रस्य प्राधान्यता | डा. अनसूया रामय्या, मैसूरु | संस्कृतम् |
24.189 | प्रक्षालनस्नानापगम्याशौचविचारः | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् 8 |
25.190 | ಶಿವತತ್ತ್ವರತ್ನಾಕರದಲ್ಲಿನ ದರ್ಶನಗಳ ಅಧ್ಯಯನ | विद्वान् नञ्जा नायक, मैसूरु | कन्नड |
26.191 | वाग् भूषणं भूषणम् | डा. कुमारसुब्रह्मण्य भट्टः ए., मङ्गळूरु | संस्कृतम् |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XI VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language | |
1.192 | रामायणमञ्जर्याम् अनुप्रासप्रभेदाः | विद्वान् महेश भट्टः आर्., उडुपि | संस्कृतम् | |
2.193 | ’असिद्धं बहिरङ्गमन्तरङ्गे’ इतिपरिभाषा विचारः | विद्वान् महेश भट्टः, उम्मचगि | संस्कृतम् | |
3.194 | शास्त्रारम्भविचारः | विद्वान् सुब्रह्मण्य भट्टः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | |
4.195 | मातृकानुसन्धानविमर्शः, तत् स्वरूपं च | विद्वान् आर्. तिम्मण्णः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | |
5.196 | स्तुत्यात्मकं श्रीकृष्णलीलामृतं श्रीमद् भागवतम् | विद्वान् प्रदीप जोशि, सिद्दापुर | संस्कृतम् | |
6.197 | ವಿಶಿಷ್ಟಾದ್ವೈತ ದರ್ಶನದ ಪ್ರವರ್ತಕರಾದ
ಶ್ರೀರಾಮಾನುಜ ಆಚಾರ್ಯರ ವೈಭವ |
ए. श्रीनिवास रङ्गन्, मैसूरु | कन्नड | |
7.198 | ಮಹಾಭಾರತದಲ್ಲಿ ಪ್ರತಿಪಾದಿತವಾಗಿರುವ ಸುಭಾಷಿತಗಳು – ಒಂದು ವಿಮರ್ಶಾತ್ಮಕ ಅಧ್ಯಯನ | एस्. विद्याश्री, मैसूरु | कन्नड | |
8.199 | ಭಾಸನ ರೂಪಕಗಳಲ್ಲಿ ಕಾವ್ಯ ತತ್ತ್ವಗಳು | विद्वान् वनराज बि. के., बेङ्गळूरु | कन्नड | |
9.200 | यज्ञपत्युपाध्यायविरचितायाः प्रभायाः वैशिष्ट्यम् | विद्वान् राघवः के. एल्., गोकर्ण | संस्कृतम् | |
10.201 | दर्शनसङ्क्षेपः | श्रीहरिः आर्. वाल्वेकरः, हुब्बळ्ळि | संस्कृतम् | |
11.202 | ರಘುವಂಶ ಮಹಾಕಾವ್ಯದಲ್ಲಿ ಪರಿಸರ ವರ್ಣನೆ-ಒಂದು ಪಕ್ಷಿನೋಟ | डा. बि. गोविन्द, बेङ्गळूरु | कन्नड | |
12.203 | वीरशैवेन्दुशेखरोक्तरीत्या प्राणलिङ्गीशरण-ऐक्यस्थल स्वरूपम् | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् | |
13.204 | शिवार्चने लिङ्गधारणस्य प्राधान्यम् | विद्वान् रुद्रकुमारः, तुमकूरु | संस्कृतम् | |
14.205 | मनो मोक्षे निवेशयेत् | विद्वान् प्रशान्त एच्. एस्., तुमकूरु | संस्कृतम् | |
15.206 | श्रीवैष्णवसम्प्रदाये रहस्यत्रयविचारः | विद्वान् एम्. ए. अनन्तः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | |
16.207 | हरिवाक्यसुधासिन्धुः | विद्वान् साधुः शुकमुनिदासः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | |
17.208 | कालिदासीयमहाकाव्ये रघुवंशे ज्यौतिषविषयाः | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् | |
18.209 | श्रीसङ्ग्रहरामायणस्य युद्धकाण्डसम्बद्धस्य व्याख्यानेषु
काशीश्रीनिवासाचार्यव्याख्यानस्य वैशिष्ट्यम् |
विद्वान् श्रीकृष्णाचार्यः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | |
19.210 | ಕಾಳಿದಾಸನ ಖಂಡಕಾವ್ಯಗಳಲ್ಲಿ ಋತು ಮತ್ತು ಪ್ರಕೃತಿ ಚಿತ್ರಣ- ಒಂದು ಸಮೀಕ್ಷಾತ್ಮಕ ಅಧ್ಯಯನ | सुरेश वि. एच्., तुमकूरु | कन्नड | |
20.211 | A Study of Natha Cult. | श्रीनिर्मलानन्दनाथ स्वामीजि,
श्री आदिचुञ्चनगिरि, श्रीक्षेत्र |
English | |
21.212 | ಕೌಂಡ ಭಟ್ಟರ ತರ್ಕಗ್ರಂಥಗಳು | डा. शोभा जि. भट्ट, शिवमोग्ग | कन्नड | |
22.213 | वराहपुराणे स्त्रीणां स्थितिविशेषः | डा. मञ्जुनाथ भट्टः, कार्कळ | संस्कृतम् | |
23.214 | ಕಲ್ಪಶಾಸ್ತ್ರ – ಒಂದು ಚಿಂತನೆ | डा. कुमारसुब्रह्मण्य भट्टः ए., मङ्गळूरु | कन्नड | |
24.215 | वृष्टिविज्ञानस्वरूपविमर्शः | डा. ईश्वर भट्टः, जैपुर, राजस्थान | संस्कृतम् | |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XII VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.216 | मैसूरुमहाराजश्रीमुम्मडि-कृष्णराज-ओडेयरकृत
ब्रह्मनिधेः धर्मशास्त्रदृष्ट्या महत्त्वचिन्तनम् |
डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
2.217 | सामाजिकसन्देशे संस्कृतभारत्याः कार्यक्रमव्याप्तिः | श्रीमति बङ्गारम्मा के., शिवमोग्ग | संस्कृतम् 9 |
3.218 | काव्येषु राज्ञः आध्यात्मिकगुणाः | डा. गणपति वि. हेगडे, मुम्बई | संस्कृतम् |
4.219 | ಸಿದ್ಧಾಂತಶಿಖಾಮಣಿ ಮತ್ತು ಶಿವಾಧಿಕ್ಯಶಿಖಾಮಣಿ | श्रीमति पुष्पलता एम्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
5.220 | वीरशैवलक्षणनिरूपणम् | विद्वान् पि. बि. मोहनभैरवः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
6.221 | निरुक्तस्य वेदाङ्गत्वम्, तस्य स्वरूपं महत्त्वं च | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
7.222 | ಸಂಸ್ಕೃತಸಾಹಿತ್ಯದಲ್ಲಿ ದೃಷ್ಟಾಂತ ಸೂಕ್ತಗಳು | डा. एन्. एच्. शिवगङ्गम्मा, हरिहर | कन्नड |
8.223 | ಪಂಚಗವ್ಯದ ಮಹತ್ತ್ವ | डा. नारायण के. एच्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
9.224 | आयुर्वेदे मनस्वरूपविमर्शः | डा. भाग्यलक्ष्मी वि. भट्ट, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
10.225 | Beyond the Genre : Narratives of Hybridity in Postmodern Age | प्रो. अविनाश टि., शिवमोग्ग | English |
11.226 | The Personality Development the Upanishadic Text | डा. बि. गोविन्द, बेङ्गळूरु | English |
12.227 | साहित्यमीमांसा | डा. मनमोहन तिवारी, मुम्बई | संस्कृतम् |
13.228 | संस्कृतसाहित्ये रूपकाणि | डा. एस्. मल्लनगौड, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
14.229 | ಶ್ರೀಮುಮ್ಮಡಿ ಕೃಷ್ಣರಾಜ ಒಡೆಯರ ಶ್ರೀಆಧ್ಯಾತ್ಮ-
ರಾಮಾಯಣದಲ್ಲಿನ ಕರ್ಮ ವಿಚಾರ |
डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
15.230 | वैखानसागमपरिचयः | प्रो. वि. श्रीविष्णुभट्टाचार्युलु, तिरुपति | संस्कृतम् |
16.231 | Sanskrit and Science | डा. शोभा जि. भट्ट, शिवमोग्ग | English |
17.232 | संस्कृतोत्सवस्य स्वरूपं महत्त्वं च | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
18.233 | संस्कृतवाङ्मये निरक्षरतायाः सम्प्रत्ययः | डा. गणेश ति. पण्डित, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
19.234 | मानसोल्लासः | डा. एम्. रङ्गस्वामी, शिवमोग्ग | संस्कृतम् |
20.235 | शिवमेधप्रशंसाविषयनिरूपणम् | नीलकण्ठय्य पुराणिकमठ, बेङ्गळुरु | संस्कृतम् |
21.236 | कैवल्यसारग्रन्थोक्तरीत्या महालिङ्गस्थले स्वीकृतप्रासदि
स्थल-शिष्टोदनस्थलयोः स्वरूपम् |
विद्वान् शिवकुमारस्वामी, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
22.237 | ಭಾಸನ ರೂಪಕಗಳಲ್ಲಿ ರಸನಿವೇಶ | विद्वान् वनराज बि. के., बेङ्गळूरु | कन्नड |
23.238 | ज्यौतिषे बलाबलविचारः | विद्यावारिधि दीपक भट्ट, मैसूरु | संस्कृतम् |
24.23 | ಜಾಬಾಲ ಸತ್ಯಕಾಮ | विद्वान् लोकेश एच्. एन्., तुमकूरु | कन्नड |
25.240 | प्रस्तुतकालिक-स्मृतिकालिकभारतीयन्यायपद्धत्योः
तुलनात्मकम् अध्ययनम् |
डा. अनसूया रामय्या, मैसूरु | संस्कृतम् |
26.241 | वाङ्मयं तपः | डा. कुमारसुब्रह्मण्य भट्टः ए., मङ्गळूरु |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XIII VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.242 | महालयश्राद्धाधिकारविचारः | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
2.243 | यास्कस्य कैमर्थिकीनिरुक्तप्रवृत्तिः | डा. एम्. रङ्गस्वामी, शिवमोग्ग | संस्कृतम् |
3.244 | ಕಾವ್ಯಮೀಮಾಂಸೆ ಮತ್ತು ಕುವಲಯಾನಂದ-
ಒಂದು ಅಧ್ಯಯನ |
विद्वान् सि. अश्वत्थप्प, तुमकूरु | कन्नड |
4.245 | ಸಂಸ್ಕöÈತಮತ್ತು ಕನ್ನಡ ವೈಯಾಕರಣರ ಪರಿಚಯ | विद्वान् गङ्गराजु एन्., तुमकूरु | कन्नड 10 |
5.246 | सुखबोधिनीव्याख्यानुसारेण कारक इति सूत्रार्थविचारः | प्रसन्नकुमारः, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
6.247 | ವೃದ್ಧಾಶ್ರಮ | प्रो. जि. के. मञ्जुनाथ, बेङ्गळूरु | कन्नड |
7.248 | ಗದ್ಯರತ್ನ ಬಾಣ | डा. नागेन्द्र, आदिचुञ्चनगिरि | कन्नड |
8.249 | महाभारते मौल्यानि | डा. एस्. मल्लनगौड, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
9.250 | A Historical study of the contribution of Wodeyardynesty of Sanskrit Education in Mysore and the uniqueness of Sanskrit Language and Literature | डा. प्रो. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | English |
10.251 | अद्वैतशिरोमणिभगवत्पादशङ्कराचार्याणाम् अद्वैतरक्षणे कृतयः | सञ्जीव सर्कार, तिरुपति | संस्कृतम् |
11.252 | Socio-Political analysis of Subhashitas
of Panchatantra and Hitopadesha |
वि. एच्. मूर्ति, बेङ्गळूरु | English |
12.253 | काव्यशास्त्रे अलङ्कारप्रस्थानम् | डा. मनमोहन तिवारी, मुम्बई | संस्कृतम् |
13.254 | महावाक्यानि | डा. गणपति वि. हेगडे, मुम्बई | संस्कृतम् |
14.255 | Sanskrit Literature | डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | English |
15.256 | ಸಂಸ್ಕೃತ ನಾಟಕ ಮತ್ತು ನಾಟಕ ಲಕ್ಷಣಗಳಲ್ಲಿ ಭಾಸನ ಏಕಾಂಕ ನಾಟಕಗಳ ವಿಮರ್ಶೆ | श्रीमति काव्यश्री, शिवमोग्ग | कन्नड |
16.257 | बालकृष्णचम्पूकाव्यं तथा भगवतम् | लोकेश वि. एच्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
17.258 | ज्योतिषशास्त्रस्य परिचयः | डा. भागयलक्ष्मी वि. भट्ट, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
18.259 | नारदभाष्यानुगुणं ज्यौतिषम् | विद्वान् अमरगोपालः, तुमकूरु | संस्कृतम् |
19.260 | बोधायनधर्मसूत्रे प्रायश्चित्तविचारः | मञ्जुनाथ भट्ट, मैसूरु | संस्कृतम् |
20.261 | जातकशिरोमणिग्रन्थोक्तकर्माजीवविचारः | के. लीलाशायिकृष्ण शर्मा, तिरुपति | संस्कृतम् |
21.262 | रोहिण्याः शकटमध्ये चन्द्रे संहितोक्तप्राकृतिकफल-
चिन्तनम् |
विदुषी निवेदिता एम्., उम्मचगि | संस्कृतम् |
22.263 | आनन्दमयाधिकरणे आनन्दमयस्य ब्रह्मत्वे
अनुपपत्तिविचारः |
एम्. विद्यानिधिः, त्तिरुपति | कन्नड |
23.264 | ಅಧಿಕಮಾಸ | डा. श्रीधर एन्. भट्टः, उजिरे, धर्मस्थल | कन्नड |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XIV VOLUME
No. | Article’s Name | Author’s Name | Language |
1.265 | अलङ्कारसौन्दर्यम्- उपमा | नारायन सामाई, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
2.266 | ಸಂಸ್ಕೃತ ಸಂಸ್ಕೃತಿಗೆ ಶ್ರೀಬಾಲಗಂಗಾಧರನಾಥ
ಮಹಾಸ್ವಾಮೀಜಿಯ ಕೊಡುಗೆ- ಒಂದು ಅಧ್ಯಯನ |
श्रीधर्मपालनाथ स्वामीजि, मङ्गळूरु | कन्नड |
3.267 | ಪೂಜ್ಯತಾಭಾವ | प्रो. जि. के. मञ्जुनाथ, बेङ्गळूरु | कन्नड |
4.268 | ಅಥರ್ವವೇದದಲ್ಲಿ ವನಸ್ಪತಿಗಳು | डा. नारायण के. एच्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
5.269 | जैनाराधनमण्डलानाम् एकम् अध्ययनम् | विदुषी तेजस्विनी डि., मैसूरु | संस्कृतम् |
6.270 | योगदर्शनाधारेण विभूत्यौचित्यप्रकथनम् | विद्वान् दत्तात्रेय दीक्षितः, मैसूरु | संस्कृतम् |
7.271 | मनसः ज्ञानसाधनम् | डा. गणपति वि. हेगडे, मुम्बई | संस्कृतम् 11 |
8.272 | A Study on Job Satisfaction of Pre
University College Teachers in relation to their Occupational Stress, Locus of Cintrol and Job involvement |
डा. मञ्जुनाथ एच्. पि., शिवमोग्ग | English |
9.273 | ಸ್ಫಟಿಕಮಣಿ | प्रो. के. आर्. मीरा, बेङ्गळूरु | कन्नड |
10.274 | साधारणधर्माणां सृष्टिपोषकत्वचिन्तनम् | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
11.275 | शब्दशास्त्रस्य महत्ता प्रासङ्गिकता च | विद्वान् डा. उदय भट्टः, मैसूरु | संस्कृतम् |
12.276 | माण्डूकोपनिषदि इतरोपनिषदुक्तविचार-संवाददर्शनम् | महेन्द्रः सोमयाजी, तिरुपति | संस्कृतम् |
13.277 | आगमपदशब्दार्थनिरूपणपूर्वकस्वरूपविवरणम् | एस्. पि. दयानन्दः, मैसूरु | संस्कृतम् |
14.278 | मुण्डकोपनिषदि प्रतिपदितजगत् सृष्टिविषयः | चन्द्रशेखरय्यः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
15.279 | कैवल्यसारग्रन्थोक्तरीत्या महालिङ्गस्थले स्वीकृतप्रसादि स्थल-शिष्टोदनस्थलयोः स्वरूपम् | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
16.280 | श्रीमद् रामायणानुसरेण दैवपुरुषकारयोः प्राबल्य- दौर्बल्य समीक्षा | विद्वान् गुरुप्रसादः, मैसूरु | संस्कृतम् |
17.281 | कालिदासप्रणीत-अभिज्ञानशाकुन्तले काव्यरसतत्त्व- विमर्शः | हेमराजः एन्. एस्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
18.282 | ಶ್ರೀಮದ್ ಭಾಗವತಮಹಾಪುರಾಣ ಮತ್ತು ಇತರ
ಪುರಾಣಗಳು |
डा. श्रीधर एन्. भट्टः, उजिरे, धर्मस्थल | कन्नड |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XV VOLUME
1.283 | जुहोत्यादिगणे विशेषधातवः | उमरलि अक्बर, कालटि | संस्कृतम् |
2.284 | काव्यदोषाः | डा. मनमोहन तिवारी, प्रयागराज | संस्कृतम् |
3.285 | विक्रमोर्वशीये सूपके काव्यरसविश्लेषणम् | हेमराज एन्. एस्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
4.286 | चोलविपश्चिन् मतस्थापनपुरस्सरं अयनांशनिरूपणम् | भरत ऐतालः, तिरुपति | संस्कृतम् |
5.287 | पञ्चतन्त्रे मोक्षचिन्तनम् | डा. आर्. गीता, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
6.288 | ಭರತನ ನಾಟ್ಯಶಾಸ್ತ್ರ- ಒಂದು ಅಧ್ಯಯನ | प्रतिमा के. एन्., शिवमोग्ग | कन्नड |
7.289 | ಆಯ್ದ ರಂಗಕೃತಿಗಳಲ್ಲಿ ನಾಟ್ಯಶಾಸ್ತ್ರ –ಒಂದು ವಿಶ್ಲೇಷಣೆ | डा. चन्नबसवस्वामी हिरेमठ, मैसूरु | कन्नड |
8.290 | ಅಲಂಕಾರ ಕ್ಷೇತ್ರಕ್ಕೆ ರುದ್ರಟನ ಯೋಗದಾನ | के. कृष्णमूर्ति मय्य, बेङ्गळूरु | कन्नड |
9.291 | ಜ್ಯೌತಿಷ ಶಾಸ್ತ್ರ ಮತ್ತು ಶಿವತತ್ತ್ವರತ್ನಾಕರ | नागेश एस्., डोंगरे, शिवमोग्ग | कन्नड |
10.292 | जातककौस्तुभरीत्या दशाक्रमम् | नागपतिः हेगडे, पेटेसर, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
11.293 | ತೈತ್ತಿರೀಯೋಪನಿಷತ್ತಿನಲ್ಲಿ ಜೀವನದ ಮೌಲ್ಯಗಳು | विद्वान् आर्. जगन्नाथ पूजार, बेङ्गळूरु | कन्नड |
12.294 | अभेदे सामानाधिअरण्यम् | डा. श्रीधर भट्टः, ऐनकै, मैसूरु | संस्कृतम् |
13.295 | व्यासतीर्थकृतिपरिचयः | डा. नारायण पूजार, तिरुपति | संस्कृतम् |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XVI VOLUME
1.296 | आश्रमधर्माणां सृष्टिपोषकत्वचिन्तनम् | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् |
2.297 | भागवतमहापुराणे जलस्रोतसां विचारः | विघ्नेश शर्मा के. वि., मङ्गळूरु | संस्कृतम् |
3.298 | सिद्धान्तशिखामणिग्रन्थोक्तरीत्या सकाय–अकाय–परकाय–
स्थलविषयनिरूपणम् |
विद्वान् डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् 12 |
4.299 | भरतमुनिकृतम् अष्टरसवर्णनम् | डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
5.300 | शक्तिविशिष्टाद्वैतसिद्धान्तानुसारेण मुण्डकोपनिषदुक्तरीत्या
गुरु–स्वरूपमहत्त्वप्रतिपादनम् |
चन्दशेखरय्यः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
6.301 | पौष्करागमविद्यापादोक्तरीत्या पतिविषयप्रतिपादनम् | एस्. पि. दयानन्दः, मैसूरु | संस्कृतम् |
7.302 | शङ्करनारायणविरचिततन्त्रदर्पणाभिधानवार्षिकतन्त्रव्याख्याने
पाताः |
राधाकृष्ण बि., तिरुपति | संस्कृतम् |
8.303 | ಪಾಣಿನೀಯ ವ್ಯಾಕರಣಗಳಲ್ಲಿ ಸುಬರ್ಥಗಳು | प्रो. सुब्राय नागप्प भट्टः, धारवाड | कन्नड |
9.304 | व्याकरणे शब्दवृत्तयः | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
10.305 | साङ्ख्यदर्शने मोक्षस्वरूपम् | डा. एस्. एस्. निरञ्जनमूर्ति, तुमकूरु | संस्कृतम् |
11.306 | कुमारसम्भवस्य पञ्चमाध्याये पार्वती | विदुषी सावित्री पूजारि, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
12.307 | श्रीमन् मित्रमिश्रविरचितायाः आनन्दकन्दचम्पूकाव्यस्य
व्याख्यायाः गूडार्थदीपिकाटीकायाः मातृकापरिचयः |
श्री नारायणस्वामी एम्. एस्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
13.308 | ನೂತನ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಶಿಕ್ಷಣ ನೀತಿ, ನಮ ಭಾರತ
ನಿರ್ಮಾಣದೆಡೆ ದೃಢ ಹೆಜ್ಜೆ………. |
डा. रवीन्द्र कृष्ण भट्ट, सूरि, हेगडे | कन्नड |
14.309 | व्यासकृतपरिचयः | डा. नारायण पूजार, तिरुपति | |
15.310 | वेदागमोपनिषत्सु वीरशैवसिद्धान्तस्य प्रागल्भ्यम् | मल्लिकार्जुन के. बि., मेसूरु | |
16.311 | भाष्यकारमते तत्त्वमसिवाक्ये शक्त्यैव अभेदान्वयस्य निर्वाहः | डा. श्रीधर भट्टः, ऐनकै, मैसूरु | |
17.312 | प्रस्थानत्रयतत्त्वदर्शी कालिदासः | शिवप्प एच्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
18.313 | जैनाराधनमण्डलानाम् एकमध्ययनम् | विदुषी तेजस्विनी डि., मैसूरु | संस्कृतम् |
19.314 | संशयः | डा. भास्कर भट्टः जोशी, बेङ्गळूरु | |
20.315 | डा. श्रीधर भट्टः, उजिरे, धर्मस्थल |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XVII VOLUME
1.316 | अस्माकं दैनन्दिनजीवने सुभाषितानां महत्त्वम् | श्रीमति कविता बि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
2.317 | संस्कृतशास्त्रशिक्षणे समालोचनात्मिका प्रवृत्तिः | डा. मनमोहन तिवारी, प्रयागराज | संस्कृतम् |
3.318 | उत्प्रेक्षा कालिदासस्य | पङ्कज भट्टः, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
4.319 | महाभारते माध्वदर्शनम् | सन्तोषकुमार डि. एस्., तिरुपति | संस्कृतम् |
5.320 | Jaxtaposing the theories of self in Indian and Western views to identify nuances | अञ्जुना के. एम्., केरला | |
6.321 | उपनिषदाम् अध्ययनस्य प्रासङ्गिकता | डा. गणपति वि. हेगडे, मुम्बई | संस्कृतम् |
7.322 | “ನೀತಿವಾಕ್ಯಾಮೃತಮ್” ಗ್ರಂಥದ ನೇಮಿನಾಥನ ಕನ್ನಡ ವ್ಯಾಖ್ಯಾನ ವೈಶಿಷ್ಟ್ಯ | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | कन्नड |
8.323 | काव्यशास्त्रे रसस्वरूपम् | विद्वान् नारायणस्वामी एम्. एस्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
9.324 | ಕನಕದಾಸರ ಅಧ್ಯಾತ್ಮದ ನಿಲುವು | डा. हालम्म एम्., शिवमोग्ग | कन्नड |
10.325 | तात्पर्यचन्दिकायाम् ओङ्कारवादः तथा मीमांसान्यायश्च | डा. नारायण पूजार, तिरुपति | संस्कृतम् 13 |
11.326 | ವಿದ್ಯಾರ್ಥಿಗಳ ಜೀವನಕ್ರಮದಲ್ಲಿ ಫೇಸ್ ಬುಕ್ ಬಳಕೆಯ ಪರಿಣಾಮಗಳು | डा. कृपालिनि एच्. एस्., शिवमोग्ग | कन्नड |
12.327 | सामवेदीय–औद्गात्रप्रयोगप्रस्तावना | विद्वान् सि. एस्. श्रीकृष्णन्, तिरुपति | संस्कृतम् |
13.328 | ’श्रीशठवैरिवैभवप्रभाकरः’ इत्यस्मिन् ग्रन्थे प्रमाणालङ्काराः | श्री गिरीश भट्टः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
14.329 | मार्तण्डग्रन्थाः | विद्वान् राजराजेश्वर एन्. शास्त्री, मैसूरु | संस्कृतम् |
15.330 | ಭರತನಾಟ್ಯವು ಭಾರತೀಯ ಸಂಸ್ಕೃತಿಯ ಕೈಗನ್ನಡಿ | श्रीमति प्रतिमा के. एन्., शिवमोग्ग | कन्नड |
16.331 | कृदन्तपरिचयः | विद्वान् शिवकुमार भट्टः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
17.332 | The Philosophy of Kasmir Saivism | डा. दिव्या सुब्रम्, केरला | |
18.333 | वैदिकीय विश्वबन्धुत्व के सन्दर्भ में हिन्दी कविता का मूल्यांकन | डा. वेदप्रकाश बोरकर, तिरुपति | हिन्दी |
19.334 | भावार्थरत्नाकरोक्तस्य मिथुनलग्नस्य विशेषफलम् | विद्वान् वीरभद्रप्प डि. एस्., तिरुपति | संस्कृतम् |
20.335 | साम्नि परमात्मदृष्टिः । त्रिवृत् करणं च | डा. श्रीधर भट्टः ऐनकै, मैसूरु | संस्कृतम् |
21.336 | ಘೇರಂಡಸಂಹಿತೆಯ ಸ್ವರೂಪ ಮತ್ತು ವ್ಯಾಪ್ತಿ | डा. जयरेवण्ण एम्. वि., बेङ्गळूरु | कन्नड |
22.337 | चम्पूकाव्यम् | डा. रेखादेवी एच्. एस्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
23.338 | लौकिकवैदिकवाक्यान्यादाय अलङ्कारविशिष्टाद्वैतशास्त्रसम्मत–
शाब्दबोधप्रक्रियायाः समीक्षा |
के. एस्, कृष्ण, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
24.339 | वेदे पवित्रभावना | श्रीहरेन्द्रनारायणदेव गोस्वामी, असम | संस्कृतम् |
25.340 | श्राद्धे विप्रनियमाः, साम्प्रतं तेषामनुष्ठानं च | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कॄतम् |
26.341 | विशिष्टाद्वैत–शक्तिव्शिष्टाद्वैतवेदान्तयोः तुलनात्मकं विषयनिरूपणम् | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
27.342 | शक्तिविशिष्टाद्वैतसिद्धान्तरीत्या मुण्डकोपनिषदि प्राणिलिङ्गि–
स्थलनिरूपणम् |
चन्द्रशेखरय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
28.343 | ಭಾರತೀಯ ಸನಾತನ ಹಿಂದೂ ಧರ್ಮ ಮತ್ತು ವೇದಗಳ ಪರಿಕಲ್ಪನೆಯಲ್ಲಿ ಸಾಮಾಜಿಕ ಪ್ರಗತಿ | शिवय्य हिरेमठ, बेङ्गळूरु | कन्नड |
29.344 | दोषनिवारकस्य पञ्चगव्यस्य मेलनक्रमः प्राशनविधिश्च | विद्वान् गजानन भट्टः, मैसूरु | संस्कृतम् |
30.345 | मतचतुष्टये ’क्षेत्रज्ञ’विषयविमर्शः | डा. अर्जुनः एस्. आर्., मणिपाल | संस्कृतम् |
31.346 | वर्षर्तुरसवैभवम् | डा. श्रीधर भट्टः, उजिरे, धर्मस्थल | संस्कृतम् |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XVIII VOLUME
1.347 | इन्द्रियविमर्शः | डा. भास्कर भट्टः जोशि, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||||
2.348 | स्कन्धत्रयोपेतं ज्योतिषम् | डा. कुमारसुब्रह्मण्य भट्ट्ः ए., मङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||||
3.349 | अलङ्कारस्य काव्यशास्त्रीयसमीक्षा तस्य सन्निवेशश्च | रमेशचन्द्र बरमोला, मुम्बई | संस्कृतम् | ||||
4.350 | हस्तलेखशास्त्रपरिचयः | डा. रामकृष्ण भट्टः के., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||||
5.351 | क्रियायाः स्वरूपविमर्शः | डा. पि. आर्. अर्चना कारन्त, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||||
6.352 | ’कुरु भुङ् क्ष्व’ तत्त्ववाद–भगवद्गीतयोः कर्मजिज्ञासा | डा. गौतम आर्., मणिपाल | संस्कृतम् | ||||
7.353 | पुराणानि प्रति श्रीमध्वाचार्यस्य योगदानम् | डा. एस्. आनन्दतीर्थः, मणिपाल | संस्कृतम् | ||||
8.354 | व्याप्तिस्वरूपे साध्याभावाधिकरणवृत्तित्वसामान्याभावविचारः | डा. वि.वि.एस्. आर्. लक्ष्मीः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् 14 | ||||
9.355 | द्वतीयहेत्वाभाससामान्यलक्षणानुगमपरिष्काराः | डा. के. ई. श्रीवेङ्कटनाथन्, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||||
10.356 | अवधानकलाङ्गभूतायाः निषिद्धाक्षर्याः समग्रं समीक्षणम् | डा. रामकृष्ण पेजित्ताय, एर्नाकुलम् | संस्कृतम् | ||||
11.357 | योगदर्शने ईश्वरप्रणिधानोपायेषु शतरुद्रीयस्य प्राशस्त्यम् | विद्वान् वेङ्कट बथुल, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||||
12.358 | अद्वैताधुनिकमतानुरोधेन चैतन्यचिन्तनम् | डा. आर्. सुरेश, मैसूरु | संस्कृतम् | ||||
13.359 | मार्तण्डसोमयाजिग्रन्थोक्त–षोडशसंस्काराः | विद्वान् राजराजेश्वर एन् जोशि, मैसूरु | संस्कृतम् | ||||
14.360 | ईशावास्य–केनोपनिषदोः सामान्यपरिचयः | डा. सञ्जिव सरकार, मुम्बई | संस्कृतम् | ||||
15.361 | अप्रतीकालम्बनाधिकरणस्य रत्नप्रभाद्यनुसारेण विमर्शः | कार्तिकशर्मा के., एर्नाकुलम् | संस्कृतम् | ||||
16.362 | संस्कृतसाहित्ये अलङ्कारस्य स्थानम् | डा. भीमानायक एस्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||||
17.363 | यङ् लुक् विचारः | आर्. श्रीनिवासन्, चेन्नै | संस्कृतम् | ||||
18.364 | पिण्डोत्पत्तिप्रकरणम् | डा. सिद्दप्प वि. करेप्पगोळ, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||||
19.365 | वेदबोधकं रामायणम् | एस्. बृहदा प्रसन्ना, तिरचिरपल्लि | संस्कृतम् | ||||
20.366 | भासनाटके नवरसाः | वाय्. षण्मुग प्रियदर्शिनि, चेन्नै | संस्कृतम् | ||||
21.367 | भारतीयज्ञानपरम्परायां लौकिकविज्ञानविचाराः | गणेश भट्टः, हरियाणा | संस्कृतम् | ||||
22.368 | अभिधा मूलका व्यञ्जना | डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | ||||
23.369 | श्रुतिप्रत्यक्षयोः विरोधपरिहारविचाराः | डा. गणपति वि. हेगडॆ, मुम्बई | संस्कृतम् | ||||
24.370 | तात्पर्यार्थवादः | डा. मनमोहन तिवारी, प्रयागराज | संस्कृतम् | ||||
25.371 | राजनीतिषु राजगुणदोषाणां महत्वचिन्तनम् | डा. वेङ्कटरमण हेगडे, मैसूरु | संस्कृतम् | ||||
26.372 | Satyavati, Kunti and Draupadi, exhibiting the real constituent and paved the way for many female writers with reference to Shobhaa De | डा. सप्ना जि. एस्., बेङ्गळूरु | English | ||||
27.373 | The relevance of Ancient wisdom in Sanskrit literature to Modern Science and Management | डा. राम राव् एस्., बेङ्गळूरु | English | ||||
28.374 | Vedic literature on the evolution of human values and meditative ideas | डा. सोमनाथ दास, कोलकोत | English | ||||
29.375 | Mahabharata as A Management Guide For Millennials – A Descriptive Study | कविता जि., बेङ्गळूरु | English | ||||
30.376 | Reinterpretation of myth and magic realism in the select novels of Shashi Deshpande’s | टि. विजया, सेलम्, तमिळुनाडु | English | ||||
31.377 | Structure of Anumana Pramana in INDIAN PHILOSOPHY schools of thoughts PRAMANAS | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | English | ||||
32.378 | The relevance of Vedic culture to modern social thought | प्रबिर सर्कार, कोलकत | English | ||||
33.379 | Sustenance Of Indian Culture, Values And Ethics In Contemporary World And Its Contribution To Today’s Education | डा. चित्रा शशिधर, बेङ्गळूरु | English | ||||
34.380 | Ayurveda: The Philosophy of Medical Science in Ancient India | डा. नसिरुद्दीन मण्डल, पश्चिमबङ्गाल | English | ||||
35.381 | Usage of Interactive White Boards in Education | डा. मञ्जुनाथ एच्. पि., शिवमोग्ग | English | ||||
36.382 | Vikram Seth’s ‘A Suitable Boy’ reflects Multi-Cenerational Tale of family, condition and politicsin post-Independence India | जे. अम्बिका, सेलम्, तमिळुनाडु | English | ||||
37.383 | Nature-worship in Parjanyasūkta of Rigvedā and Oraon Community | काजल ओरान, नई दिल्ली | English | ||||
38.384 | Shakuntala as an Indian Feminist Foremother | श्रीलक्ष्मी जे., ईरोड, तमिलुनाडु | English | ||||
39.385 | Epistemology of Sukha in the Nyāya School of Indian Philosophy | श्रुति कृष्ण भट्ट, वाराणसी, उत्तरप्रदेश | English 15 | ||||
40.386 | ಆಯುರ್ವೇದದ ಮಹತ್ವ ಮತ್ತು ಚಿಂತನೆ | डा. जयरेवण्ण एम्. वि., बेङ्गळूरु | कन्नड | ||||
41.387 | ಕಲ್ಯಾಣ ಚಾಳುಕ್ಯರ ಕಾಲದ ಶೈವ ದೇವಾಲಯಗಳಿಗೆ `ಪೆರ್ಜ್ಜುಂಕ’ ಮತ್ತು `ವಡ್ಡರಾವುಳ ಸುಂಕ’ ದಾನಗಳು: ಒಂದು ಸಂಖ್ಯಾಶಾಸ್ತ್ರೀಯ ಅಧ್ಯಯನ | भरत ए. सि., मङ्गळूरु | कन्नड | ||||
42.388 | ಬಳ್ಳಾರಿ ತಾಲ್ಲೂಕಿನ ಶಾಸನೋಕ್ತ ಶೈವ ಮತ್ತು ವೈಷ್ಣವ ಮಠಗಳು | राघवेन्द्र एस्., मङ्गळूरु | कन्नड | ||||
43.389 | ಕನ್ನಡ ಸಾಹಿತ್ಯ: ‘ಕೊಟ್ಟ ಮಾತು ತಪ್ಪದ’ ಪ್ರಸಂಗಗಳ ವಿವೇಚನೆ | डा. गिरीश मूग्तिहळ्ळि | कन्नड | ||||
44.390 | ಜನಪದ ಸಾಹಿತ್ಯದಲ್ಲಿ ಶಿಕ್ಷಣ | डा. नन्दा टि. एन्., मैसूरु | कन्नड | ||||
45.391 | ನಾಟ್ಯಶಾಸ್ತ್ರದ ಕೆಲವು ಗ್ರಹಿಕೆಗಳು | डा. चन्नबसवस्वामी हिरेमठ हेच्. एम्., मैसूरु | कन्नड | ||||
46.392 | ತಬ್ಬಲಿಯು ನೀನಾದೆ ಮಗನೆ : ಸಂಸ್ಕೃತಿಯು ರೂಪಿಸುವ ಸಾಮಾಜಿಕ ಸಂಬಂಧಗಳ ಸ್ವರೂಪ | मैत्री भट्ट, पुत्तूरु | कन्नड | ||||
47.393 | ಶಿವತತ್ತ್ವರತ್ನಾಕರದಲ್ಲಿನ ದರ್ಶನಗಳ ವೈಭವ | नञ्जनायक सि. जि., शिवमोग्ग | कन्नड | ||||
48.394 | ಶಿವತತ್ತ್ವರತ್ನಾಕರದಲ್ಲಿನ ಆಯುರ್ವೇದ ಶಾಸ್ತ್ರದ ವಿಶ್ಲೇಷಣಾತ್ಮಕಅಧ್ಯಯನ | सुनीता एम्. आर्., शिवमोग्ग | कन्नड | ||||
49.395 | ಕಾಳಿದಾಸನ ರಘುವಂಶ ಮಹಾಕಾವ್ಯದಲ್ಲಿನ ಸಾಮಾಜಿಕ ಮೌಲ್ಯಗಳು – ಒಂದನೇ ಸರ್ಗ | विद्वान् डा. प्रभुस्वामी एस्., बेङ्गळूरु | कन्नड | ||||
50.396 | ಗೋತ್ರ-ಸೂತ್ರ ಶಬ್ದಾರ್ಥ ನಿರ್ಣಯ ಮತ್ತು ವೀರಶೈವ ಸಂಪ್ರದಾಯ | विद्वान् डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | कन्नड | ||||
51.397 | मुण्डकोपनिषद् में प्रतिपादित मोक्ष | कृष्णकान्त सर्कार, दिल्ली | हिन्दी | ||||
52.398 | भरतोक्त षट् त्रिंशत् काव्यलक्षण की वैदिक पृष्ठभूमि | आशुतोष कुमार, दिल्ली | हिन्दी | ||||
53.399 | सकारात्मक सोच : सफलता की कुञ्जी | बीना नेगी चौधरी, उत्तराखण्ड | हिन्दी | ||||
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XIX VOLUME
1.400 | साहित्यशास्त्रसिद्धान्तानामवबोधने लौकिकदृष्टान्तानाम् उपयोगिता | डा. एम्. सुदर्शन चिप्लोणकर, केरला | संस्कृतम् |
2.401 | भारतीयाध्यात्ममार्गेषु मनःस्वरूपसमीक्षणम् | डा. अमृता घोष, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
3.402 | वेदाङ्गछन्दसि तत्त्वार्थदर्शनम् | वेङ्कट सुब्बय्य बथुला, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
4.403 | अक्षरपुरुषोत्तमदर्शनालोके गीतोक्तायाः ब्रह्मस्थितेः
तात्पर्यम् |
साधु ग्नानानन्द दास, गुजरात | संस्कृतम् |
5.404 | देवप्रश्नस्य परिचयः | बि. नागराजन्, चुरु, राजस्थान | संस्कृतम् |
6.405 | आधुनिकसंस्कृतनाटकस्य स्वरूपनिर्धारणम् | सन्तनु प्रधान, पुदुचेरि | संस्कृतम् |
7.406 | संस्कृतशब्दानां छात्राणां मस्तिष्के प्रभावः | डा. मुरलिशाम एच्., केरला | संस्कृतम् |
8.407 | ब्रह्म ह वै ब्राह्मणः – एका समीक्षा | डा. कमलप्रसाद गौतम, असाम | संस्कृतम् |
9.408 | सन्देशकाव्ये मेघदूतानुकरणेन शुकसन्देशः | प्रबिर सर्कार, कोलकत | संस्कृतम् |
10.409 | स्वप्नवासवदत्तम् – राजात्वं च असीमप्रेमादर्शस्य एकं प्रामाणिकपत्रम् | डा. सोमनाथ दास, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
11.410 | महाभारतादिग्रन्थेषु गार्हस्थ्ये नारीणां महत्त्वम् | डा. आर्. शिवकुमारस्वामी, स्वर्णवल्ली | संस्कृतम् |
12.411 | शारीरकमीमांसायाम् आतिवाहिकाधिकरणस्य विमर्शः | कार्तिक शर्मा के., केरला | संस्कृतम् |
13.412 | पञ्चतन्त्रान्तर्गते अपरीक्षितकारके वैद्येभ्यः स्तुताः
नीतयः |
डा. प्रशान्त गांव्कर, बेळगावि | संस्कृतम् |
14.413 | रथघोषाधिकरणम् | जगदीश एस्. एम्., शिवमोग्ग | संस्कृतम् 16 |
15.414 | गृहप्रेशमुहूर्तविचारः | विवेकशील पाठक, राजस्थान | संस्कृतम् |
16.415 | तात्पर्यार्थविमर्शः | डा. मनमोहन तिवारी, प्रयागराज | संस्कृतम् |
17.416 | नैषधचरितालोके वैदिकदेवस्य स्वरूपम् | टुम्फा जाना, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
18.417 | शिक्षा सामाजिकविकासश्च | डा. वेङ्कटरमण भट्ट, शृङ्गेरी | संस्कृतम् |
19.418 | अभिनयदर्पणे तद्धितप्रयोगाः | वाय्. षण्मुग प्रिय दर्शिनि, चेन्नै | संस्कृतम् |
20.419 | वेदोक्तदिशा समाजे सौहार्दतायाः पालनम् | गणेश भट्टः, हरियाणा | संस्कृतम् |
21.420 | अद्वैतामोददिशा अविद्यायाः सप्तविधानुपपत्तिनिरसनम्
उपपत्तिसमर्थनञ्च |
मृदुला वि. वि., केरला | संस्कृतम् |
22.421 | मीमांसादर्शने कर्मसिद्धान्तः – एकम् अध्ययनम् | लोपामुद्रा गोस्वामी, असाम | संस्कृतम् |
23.422 | वैष्णवदर्शनेषु अचिन्त्यभेदाभेददर्शनस्य स्थानम् | साइबाल आचार्य, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
24.423 | शब्दशास्त्राभिमतलडर्थस्वरूपम् | शङ्ख सुब्र गच्छित, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
25.424 | भारतीयतायाः सन्मूलं हि परिवारपद्धतिः | डा. आर्. सुरेश, मैसूरु | संस्कृतम् |
26.425 | नवराष्ट्रियशिक्षानीतिः संस्कृतक्षेत्रानुकूलता च | डा. गणेश टि. पण्डित, जैपुर, राजस्थान | संस्कृतम् |
27.426 | काश्मीरशैवाचार्यरामकण्ठकृतसर्वतोभद्रविवरणाख्ये गीताव्याख्याने योगस्वरूपविमर्शः | अरुपं सान्याल, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
28.427 | शब्दस्य सामर्थ्यद्वयनिरूपणम् | डा. पि. आर्. अर्चना कारन्त, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
29.428 | योगदर्शनमतरीत्या मनः | डा. भास्कर भट्ट जोशि, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
30.429 | महाभारतकालीननारी | डा. नीमा जोशि, उत्तराखण्ड | संस्कृतम् |
31.430 | मीमांसकमते देवता | डा. मञ्जुनाथ भट्ट, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
32.431 | वेदाध्ययनपद्धतिः | एल्. जयसिंह, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
33.432 | चान्द्रयोगानां निरूपणं तेषां वैशिष्ट्यञ्च | प्रो. ईश्वर भट्टः, जैपुर, राजस्थान | संस्कृतम् |
34.433 | श्रीकृष्णप्रसाद शर्मा कृत ’श्रीकृष्णचरितामृतम् महाकाव्य’ में कृष्ण जन्मोत्सव | डा. प्रियंककुमार रावल्, गुजरात | संस्कृतम् |
35.434 | पुराणो में श्रीमद् भागवत का स्थान और महत्त्व | परमार विनोद कुमार, उत्तराखण्ड | संस्कृतम् |
36.435 | Kaiyadeva Nighantu : An unexplored Ayurveda treatise on medicinal drugs, food and lifestyle advice | डा. अमल एस्. चान्द्रन्, बेळगावि | English |
37.436 | Practice of ‘Svadhyaya’ from vedic educational philosophy and metacognition | प्प्रतिश पद्मश्री डेक, आसम | English |
38.437 | Concet of karana in Indian philosophy with special reference to Ramakrishna Bhatta’s Tarkchandrika | कुशलकुमार खजांचि, त्रिपुरा | English |
39.438 | Indian Model of Communication: Towards Lokasangraha (Welfare of the society) | डा. असीम श्रवन, हरिद्वार | English |
40.439 | Characteristics of mystical experience with special reference to ACHARYA NĀGĀRJUNA | अशोकन् वि. एम्., केरला | English |
41.440 | Mahatma Gandhi’s Freedom Struggle for India as Reflects in Raja Rao’s Kanthapura: A Indian Phenomenon Novel | जे. अम्बिका, तमिळुनाडु | English |
42.441 | The problem of purusa-prakrti interaction in samkhya and its inevitability | डा. राजीवन् ई., केरला | English 17 |
43.442 | Indian Cultural Heritage and its Transnational Transaction : A Philosophical Investigation | डा. नसिरुद्दीन मण्डल, पश्चिमबङ्गाल | English |
44.443 | Book review on Kakachandeeswara Kalpa Tantram | डा. गोपीकृष्णन् पि. टि., केरला | English |
45.444 | Mapping the Arena of Divine and Toxic Love: A Mythical Re-interpretation of Madhav & Tulsi in K R Meera’s The Poison of Love | सेबा सुसान जान्, तमिळुनाडु | English |
46.445 | Importance of Appaya’s Commentary: In the light of Śāktopaniṣad | डा. दीपश्री मण्डल, पश्चिमबङ्गाल | English |
47.446 | Transcending gender and moralities of equality : A critical study of Deshpande’s roots and shadow | टि. विजया एम्. ए., तमिलुनाडु | English |
48.447 | Panchatantra & Ukraine War [A comparative study] | डा. गीता आर्., बेङ्गळूरु | English |
49.448 | Cultural Imbroglio, Ecological Downfall, and Conflict of Social System in the Select Novels of Amitav Ghosh’s Fiction | के. दिव्या, तमिळुनाडु | English |
50.449 | Ayurveda Darsana- A Unique Independent School of Thought- A Conceptual Review | डा. देवि एम्., केरला | English |
51.450 | A Book Review on Anjana Nidanam | डा. कीर्ति पि., केरला | English |
52.451 | Mapping Urali Culture: A Socio-Historical Pursuit | वीणा आर्. नायर्, केरला | English |
53.452 | Role of Kala as a Vyadhihetu in Shiftworkers | डा. लक्ष्मै एम्. एल्., केरला | English |
54.453 | Depict the environmentala aesthetics and negotiation of mankind in the selective modern nigerian poetry | कीर्तना के., केरला | English |
55.454 | Socio-Cultural Discernment of Visual Clues in Munthirivallikal Thalirkkumbol | टि. पि. रेमादेवी, तमिळुनाडु | English |
56.455 | Saṁbhūya–Samutthāna : Hindu Law of Partnership | डा. अनघा जोशि, पुणे | English |
57.456 | Significance of Utsargapavada Nyaya in Understanding the Ayurvedic Concepts of Charaka Samhita in Context to Ayurveda Deepika commentary of Chakrapani | समरकुमार पाडि, हैद्राबाद | English |
58.457 | ಶಿವತತ್ವ ರತ್ನಾಕರ ಒಂದು ಕೋಶಗ್ರಂಥ | नागेश एस्. डोंग्रे, शिवमोग्ग | कन्नड |
59.458 | ಋಗ್ವೇದದಲ್ಲಿ ವಿದ್ಯೆಯ ಮಹತ್ವ | डा. ईश्वरप्रसाद ए., हासन | कन्नड |
60.459 | ಕಾಳಿದಾಸನ ಕಾವ್ಯಗಳಲ್ಲಿ ಸೂಕ್ತಿಗಳು | विदुषी सावित्रि पूजारि, बेङ्गळूरु | कन्नड |
61.460 | ಭಗವದ್ಗೀತೋಪದೇಶದ ಉದ್ದೇಶ ಮತ್ತು ಮಹತ್ವ | विद्वान् आर्. जगन्नाथ पूजार, बेङ्गळूरु | कन्नड |
62.461 | ಧರ್ಮಶಾಸ್ತ್ರದಲ್ಲಿ ಸ್ತ್ರೀ ಸ್ವಾತಂತ್ರ್ಯ – ಒಂದು ವಿವೇಚನೆ | विद्वान् गणपति भट्टः, मैसूरु | कन्नड |
63.462 | ಲಿಪಿಯ ಪ್ರಾಚೀನತೆ | डा. रामकृष्ण भट्ट के., बेङ्गळूरु | कन्नड |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XX VOLUME
1.463 | महेश्वरसूत्रेषु पातञ्जलदर्शनम् | वेङ्कट सुब्बय्य बथुल, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | |||
2.464 | वेद मन्त्रेषु ऋषीणां प्रज्ञावैशारद्यम् | डा. नवीन भट्टः, कलबुर्गि | संस्कृतम् | |||
3.465 | प्रतिनायकानां वैशिष्ट्यम् | एस्. सुगन्धा, चेन्नै | संस्कृतम् | |||
4.466 | रामायणस्य सार्वकालिकत्वम् | डा. रमेश टि., उडुपि | संस्कृतम् | |||
5.467 | शक्तिविशिष्टाद्वैतसिद्धान्ते – “गुरोः स्वरूपं महत्त्वं च” | चन्द्रशेखरय्यः, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् 18 | |||
6.468 | रूपगोस्वामिनः कालकृतिनिरूपणं नाटकचन्द्रिकारचनाकाल– विमर्शनञ्च | संतन दास, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
7.469 | शृङ्गारप्रकाशदिशा तत्पुरुषसमासे अवयवसङ्ख्याविचारः | राहुल मैति, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
8.470 | आरण्यकेषु प्राणविद्या – एका समीक्षा | डा. कमलप्रसाद गौतम, आसम | संस्कृतम् | |||
9.471 | आस्तिकदर्शनेषु पदार्थतत्त्वसमीक्षा | सुदप सर्दार, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
10.472 | अद्वैतवेदान्तदर्शने अध्यासभाष्यस्य औचित्यं–प्रयोजनं च | डा. आर्. शिवकुमारस्वामी, स्वर्णवल्ली | संस्कृतम् | |||
11.473 | गङ्गेशोपाध्यायकृतसामान्यनिरुक्तौहेत्वाभासनिरूपणे सङ्गतिविमर्शः | डा. अंजना दास, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
12.474 | व्यधिकरणधर्मावच्छिन्नप्रतियोगिताकाभावः | समीर डि. एस्., बेङ्गलूरु | संस्कृतम् | |||
13.475 | ’अनुष्टुभ् छन्दः’ एकम् अध्ययनम् | डा. नवीन भट्टः, उप्पिपट्टण, उत्तरकन्नड | संस्कृतम् | |||
14.476 | संस्कृतसाहित्यक्षेत्रे डा. वेणीमाधवशास्त्रीणां योगदानम् | वसन्त शास्त्री आर्. पुराणिक, बेङ्गलूरु | संस्कृतम् | |||
15.477 | मीमांसादर्शने मोक्षविचारः | डा. प्रशान्त गांव्कर, बेळगावि | संस्कृतम् | |||
16.478 | रघुवंशे अभिज्ञानशाकुन्तले च विश्वकल्याणचिन्तकः महाकवि कालिदासः | प्रसेजित् मालो, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
17.479 | श्रीउमचिगि शङ्करशास्त्रिविरचिता ब्रह्मसूत्रशाङ्करीवृत्या “तत्तु
समन्वयात्” इति सूत्रार्थविचारप्रतिपादनम् |
जे. आर्. सिद्धलिंगेश्वरस्वामी, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | |||
18.480 | काव्यप्रकाशमनुसृत्य वाक्यगतरसगतदोषाणां विचारः | अर्नब बन्ध्योपाध्याय, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
19.481 | उपनिषत्सु योगस्वरूपसमीक्षणम् | डा. गोविन्द दास, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
20.482 | आधुनिकसंस्कृतवाङ्मयेषु ’भारतायन’ महाकाव्यस्य
काव्यिकसौन्दर्यपर्यालोचनम् |
जयश्री डे., पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
21.483 | भगवद्गीतायां धर्मरक्षणार्थं भगवदवतारः | विद्वान् आर्. जगन्नाथ पूजार, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् | |||
22.484 | आलङ्कारिकः मम्मटाचर्यदिशा गुणानां विवेचनम् | डा. नीलाम्बर प्रधान, ओडिशा | संस्कृतम् | |||
23.485 | “ओमिति ब्रह्म” एका समीक्षा | डा. रंजिता गोस्वामी, आसम | संस्कृतम् | |||
24.486 | नैषधे उपनिषद्भावना | टुम्पा जाना, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
25.487 | भक्तिमार्गेषु मनोरक्षासूत्रम्-एकमध्ययनम् | लोपामुद्रा गोस्वामी, आसम | संस्कृतम् | |||
26.488 | सामाजिक-उपन्यासेषु बंकिमचन्द्रस्य जीवनदृष्टिः परिचयश्च | तरुण शिट, तिरुपति | संस्कृतम् | |||
27.489 | सर्वशास्त्रसम्मतस्य सृष्टितत्वस्य अद्वैतदिशा विवेचनम् | डा. सुप्रिया पाल, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
28.490 | श्रीमद्वेङ्कटनाथप्रणीतप्रह्लादविजयमहाकाव्यमातृकायाः अध्ययनम् | प्रियांका महाराणा, तिरुपति | संस्कृतम् | |||
29.491 | शङ्करप्रणितस्य अद्वैतवादस्याधारेण विवरणप्रस्थाने श्रीमद्भगवद्गीतायाः प्रभावस्य उपयोगिता | शिखा सर्कार सिक्दर, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
30.492 | वामनरीतितत्वे चार्वाकदर्शनसादृश्यसन्धानम् | वस्कर दास, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
31.493 | भट्टिमहाकाव्यस्य द्वितीयसर्गे लुङ् लकाराणां प्रयोगः | सजल मण्डल, बिहार | संस्कृतम् | |||
32.494 | प्रभुपादस्य श्रीलजीवगोस्वामिनो दृष्टौ रसः – एकम् अध्ययनम् | अमलकुमार कर, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् 19 | |||
33.495 | पश्य मृगो धावति इति बोधे मुख्यविशेषविचारः | तापस खनार, महाराष्ट्रा | संस्कृतम् | |||
34.496 | आगमविभागनिरूपणपूर्वकतत्रोक्तविषयविवरणम् | एस्. पि. दयानदः, मैसूरु | संस्कृतम् | |||
35.497 | आख्यातार्थनिर्णये वैय्याकरणनैय्यायिकयोर्विरोधः | अलोक सेन, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
36.498 | संयशृङ्गारे शाकुन्तलम् : एका समीक्षा | प्रियांका डे., पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
37.499 | अनुबन्धलक्षणम् | सुनिल भट्टः, शिरसि, उत्तरकन्नड | संस्कृतम् | |||
38.500 | कात्यायनश्रौतसूत्रग्रन्थस्य स्थूलपरिचयः | राजराजेश्वर एन्. जोशि, मैसूरु | संस्कृतम् | |||
39.501 | पदविभागविषये यास्क-पाणिन्योः मतविमर्शः | सुबिर दोलाई, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
40.502 | उत्तररामचरितमिति नाटके शृङ्गाररसप्रयोगः | गौतम रुयिदास, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
41.503 | अर्वाचीनस्तोत्रेषु रसविचारः | एच्. वि. लीलाम्बिका, मैसूरु | संस्कृतम् | |||
42.504 | मोक्षस्वरूपनिरूपणम् | विद्वान् सतीश भट्ट, उम्मचगि | संस्कृतम् | |||
43.505 | नानालङ्कारिकनयेन रसविरोधः तत् परिहारश्च | डा. एम्. सुदर्शन चिप्लोण्कर, केरला | संस्कृतम् | |||
44.506 | परशिवस्य भक्तानुग्रहाय दहरात्मकत्वविषयनिरूपणम् | विद्वान् डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् | |||
45.507 | महावाक्यार्थदर्पणदिशा आत्मतत्त्वविमर्शः | डा. गणपति वि. हेगडे, मुम्बई | संस्कृतम् | |||
46.508 | संस्कृतवाङ्नये वर्णितस्य विज्ञानस्य उपयोगिता | नीहारिका प्रधान, पडुचेरि | संस्कृतम् | |||
47.509 | “नासतो विद्यते भावो….” इति गीतोक्तेरद्वैतविशिष्टाद्वैता –चिन्त्यभेदाभेददिशा समीक्षणम् | डा. त्रिदिब राय्, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् | |||
48.510 | पूर्वमीमांसाशास्त्रे अतिदेशविचारः | डा. टि. उमेश, तिरुपति | संस्कृतम् | |||
49.511 | Indian Path with Vedic Literature : Values and Prestige Defining by Swami Dayanand
Saraswati’s Popular Quote “Back to the Vedas” im the reading of Introduction to Vedanta. |
डा. अरविन्द, ज्योति, उत्तरप्रदेश | English | |||
50.512 | Influence of Vedanta on Dhvani Theory : A Comparative Study | डा. सुदिप चक्रवर्ति, पड्श्चिमबङ्गाल | English | |||
51.513 | A Clarification of Controversies over Shri Ramacharitmanasa and Tulsidas Ji : Review of Literature | प्रीति आर्. भूतदा, महाराष्ट्र | English | |||
52.514 | Music : Aglimps of Yoga reflected through the life and works of Muthuswami Dikshitar | डा. उत्पला कारन्त, बेङ्गळूरु | English | |||
53.515 | Swachh Bharat Abhiyan: Gender Perspective | डा. सरोज शान्ति, होसपेटे | English | |||
54.516 | The Absent mothers and the Undesired Daughters: A Feminist Analytical Approach to The Mahabharata | श्रीलक्ष्मी जे., तमिलुनाडु | English | |||
55.517 | Perpetual Relevancy of Shrimad Bhagavad Geeta Teaching in Balancing Persona | डा. चित्रा शशिधर, बेङ्गळूरु | English | |||
56.518 | Depiction of Traditional Women in Manju Kapur’s novels | एन्. कलैरसि, तमिलुनाडु | English | |||
57.519 | An art of Acculturation in the Short Fiction World of Jhumpa Lahiri | एस्. पूर्णिमा, तमिलुनाडु | English | |||
58.520 | An overview on Gāyatrirahasyopaniṣad: Query for an unpublished Śāktopaniṣad | डा. दीपश्री मण्डल, पश्चिमबङ्गाल | English | |||
59.521 | The Curse, Crisis and Control: A study of Kalidasa’s Abhijnanashakuntalam. | बिप्लब दास, पश्चिमबङ्गाल | English | |||
60.522 | Human well-being: through the perspective of Indian psychology | पोरस्मिता सैकिया, आसम | English | |||
61.523 | Insights of Janapadōddhvaṁsa (Epidemiology) in Ayurveda | डा. अमल एस्. चंद्रन, बेळगावि | English 20 | |||
62.524 | Frindship between the Krishna and Draupadi in Mahabharata | डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | English | |||
63.525 | Raja Rao’s The Serpent and the Rope Contrasting between Illusion andReality | डा. जे. अम्बिका, तमिलनाडु | English | |||
64.526 | Progressive chronicles unclutter up new-fangled panoramas of understanding and also billet voices of up till now elapsed or marginalised with reference to The Curse of Gandhari by Aditi Banerjee. | डा. सप्ना जि. एस्., बेङ्गळूरु | English | |||
65.527 | Lived Cases of Ashtanga Yoga implying Employee-Leader’s Development-Outcomes | डा. चैतन्य चन्द्रकान्त उग्ले, महाराष्ट्रा | English | |||
66.528 | Rice (शालिः) in Indian Perspective | डा. ईश्वर प्रसाद ए., हासन | English | |||
67.529 | Indian Philosophy: A Critical Analysis of Teaching Methods and Mental Well-Being on the light of Buddhism. | रिम्पि पुखान, आसम
|
English | |||
68.530 | Leadership lessons from Mahabharatha with special refence to Bheeshma Neethi | कविता जि., बेङ्गळूरु | English | |||
69.531 | Ecological Awareness in the Vedas | डा. के. वि.जोशि, बेङ्गळूरु | English | |||
70.532 | Impact of Swami Vivekanda’s teaching on well being of the Individual | पूजा राय्, आसम | English | |||
71.533 | Sedition Law (124A) Past, Present & Future | प्रवोट सर्कार, पश्चिमबङ्गाल | English | |||
72.534 | Concept of Manas in Ayurveda | डा. नवीन वेणुगोपाल, डा. लक्ष्मै एम्. एल्. | English | |||
73.535 | Ramanujan’s ‘A River’ Epitomizes ‘Interbeing’ for Sustainability in the Present Global Ecological Scenario. | डा. जोलि के. वि., केरला | English | |||
74.536 | Indian Learning System in Vedic Age | अनिमिश मण्डल, पश्चिमबङ्गाल | English | |||
Representing Manifestations of Benevolent Sexism in K. R. Meera. | डा. सेबा सुसान जान्, केरला | English | ||||
75.537 | Intergral Perspective and Positive Promotion of Sanskrit and Seculer Education by His Highnoss Nalvadi Krishna Raja Voodeyar. | डा. आर्. सुरेश मैसूरु | English | |||
76.538 | The Bhagavadgita and Communication Stretegies | डा. पल्लवि, उत्तराखण्ड | English | |||
77.539 | An Analytical Studies of Jagarami Ramaprasudi Ramayan. | डमदुपाणि भट्टाचार्य, पश्चिमबङ्गाल | English | |||
78.540 | Tracing Traumatic Membries : Illuminating Postcolonial Trauma of Adichie in Half of a Yellow Sun. | चेल्सा ररिचान्, केरला | English | |||
79.541 | Effectiveness of Assertiveness in the Select novels of Manjukapur’s Home | के. के. प्रीति, तमिळनाडु | English | |||
80.542 | The significance of colours in Nargret Atwood’s novel The Handmaid’s Tale | आर्. पोंगजाई, केरला | English | |||
81.543 | A comparative study of Hindu Scriptural conceepts and their Reflections in whitman’s selected Lengthy and smaller Poems. | डा. संगीता सिंगम्, राजस्थान | English | |||
82.544 | The Crisis of Ethical Values in Changing Society: A Critical Study | डा. नसिरुद्दिन मण्डल, पश्विमबङ्गाल | English | |||
83.545 | Narada Bhakthi Suthra : A Philosophical and Literary Reading | मीरा कल्यानी, केरला | English | |||
84.546 | Vasoori mala and Sheethala Devi : The Retributive Powers Against Small Pox | शिल्पा पि., केरला | English | |||
85.547 | India’s Linguistic Tradition and its Impact on Modern Linguistics | शिबिना के. एम्., केरला | English 21 | |||
86.548 | Indian Education System : Precolonial, Colonial and Post-Colonial Phase a Critique | बि. सोनिया चेल्लिरैन्, केरला | English | |||
87.549 | Indian Food Culture : A Critical Overview | गीता आर्. पै, केरला | English | |||
88.550 | The Question of Agency in India : An Inquiry into the Gender Representations in the Anthology Film Paava Kadhaigal | रेष्मा कृष्णन्, केरला | English | |||
89.551 | Social and Cultural Perceptions on Varna / Colour: A Critique | काव्या पुरुषोत्तम, केरला | English | |||
90.552 | Plight of the Antagonist : An Alternative Reading of Ramayana with reference to C N Sreekantan Nair’s Lankalakshmi and Amish Tripathi’s Raavan : Enemy of Aryavarta | अपर्णा उन्निकृष्णन्, केरला | English | |||
91.553 | A research work on – Restoration of Indian ideologies for the generations to come | भार्गव, मेघना भट्ट, केरला | English | |||
92.554 | Embodying the Disembodied, Ritualistic Performance and the Gendered Body :
An Analysis of Sarpam Thullal Ritual in Kerala |
ऐश्वर्या सुरेश कुमार, पंजाब | English | |||
93.555 | Tantric traditions of the Sakta cult : Re-examining ritual practices of Kamakhya trmple in Indira Goswami’s novel The Man from Chinnamasta | मीनु थंकचन्, केरला | English | |||
94.556 | A review of Dandaniti in the light of Kautilya’s arthasastra and its impact on present social life. | सव्यसाचि बानर्जि, पश्चिमबङ्गाल | English | |||
95.557 | Kaavu and Pulluvan Paattu : the Ecologicai Tradition of Kerala Retold | डा. एम्. जि. प्रिया, केरला | English | |||
96.558 | Key of Succes – A Review on Teaching Aptitude of B. Ed. Prospective Teachers. | बीना नेगि चौधरि, उत्तराखण्ड | English | |||
97.559 | वैदिक परिवार व्यवस्था में माता का स्थान | मीनाक्षी खनाल, नई दिल्ली | हिन्दी | |||
98.560 | वेदकालीन शिल्प और कलाएं तथा वर्तमान में उसकी प्रासंगिकता | डा. जितेन्द्रकुमार त्रिवेदी, मुम्बई | हिन्दी | |||
99.561 | ’अजातवाद’ – माण्डुक्यकारिका के संदर्भ में’ | डा. प्रियांककुमार एन्. रावल्, गुजरात | हिन्दी | |||
100.562 | नारियों की बालविवाहविमर्श : स्मृतिग्रन्थों तथा अद्यतन सामाजिक परिप्रेक्ष में | डा. जयदीप नमो दास, पुदुचेरी | हिन्दी | |||
101.563 | “अभिज्ञानशाकुन्तलम्” नाटक में निरूपित राजव्यवस्था : वर्तमान परिप्रेक्ष्य | आशुतोष कुमार, दिल्ली | हिन्दी | |||
102.564 | डा. देवेश ठाकुर की साहित्य सम्बन्धी अवधारणा | डा. मनोजकुमार दुबे, मुम्बई | हिन्दी | |||
103.565 | ವಿದ್ವಾನ್ ಡಾ. ಎಚ್. ವಿ. ನಾಗರಾಜ ರಾವ್ ವಿರಚಿತ ‘ನಾಗರಾಜಶತಕಮ್’ ಕೃತಿಯಲ್ಲಿ ವ್ಯಕ್ತವಾದ ಭರ್ತÈಹರಿಯ ಶತಕಗ್ರಂಥಗಳ ಪ್ರಭಾವ ಮತ್ತಿ ಪ್ರೇರಣೆ | श्रीमति कविता बि., बेङ्गळूरु | कन्नड | |||
104.566 | ಪೂರ್ವಮೀಮಾಂಸಾ ಶಾಸ್ತ್ರದ ಅನಿವಾರ್ಯತೆ | डा. सुरेश हेगडे, मैसूरु | कन्नड | |||
105.567 | ಸಂಸ್ಕೃತಭಾಷೆಗೆ ಗಂಗರಾಜರ ಕೊಡುಗೆ | के. एस्. वसन्ता, कोलार | कन्नड | |||
106.568 | ಲಿಂಗತ್ವ ಮತ್ತು ವಲಸೆ : ಭಾರತೀಯ ಸಂದರ್ಭ | डा. यर्रिस्वामी ई., हंपी | कन्नड | |||
107.569 | ದಾಸ ಸಾಹಿತ್ಯ : ಸಂಸ್ಕೃತಿ, ಸಂಘರ್ಷ ಮತ್ತು ಸಮನ್ವಯತೆ | डा. वेंकटगिरि दळवायी, हंपी | कन्नड | |||
108.570 | ಕಲ್ಯಾಣ ಕರ್ನಾಟಕದಲ್ಲಿ ಮುದ್ರಣ ಮಾಧ್ಯಮ ಬೆಳದು ಬಂದ ಬಗೆ ಒಂದು ಚಾರಿತ್ರಿಕ ಅಧ್ಯಯನ | मानप्पा, मैसूरु | कन्नड | |||
109.571 | ಉತ್ತರಕರ್ನಾಟಕ ಜನಪದ ‘ವಾಸ್ತವಿಕ ಕಥೆ’ಗಳಲ್ಲಿ ಗ್ರಾಮೀಣ ಸಂಬಂಧಗಳು | डा. हालम्मा एम्., शिवमोग्ग | कन्नड | |||
110.572 | ಯಜುರ್ವೇದೀಯ ಉಪನಿಷತ್ತುಗಳಲ್ಲಿ ರೂಪಕ ಪದಾರ್ಥಗಳು | डा. प्रसन्नकुमार ऐताळ, उजिरे, धर्मस्थल | कन्नड 22 | |||
111.573 | ಯೋಗಸಾಶನೆಗಾಗಿ ಗೋರಕ್ಷಾ ಶತಕದ ಮಹತ್ವ- ಒಂದು ವಿಶ್ಲೇಷಣೆ | डा. जयरेवण्ण एम्. वि., बेङ्गळूरु | कन्नड | |||
112.574 | ಸಂಸ್ಕೃತ ಸಾಹಿತ್ಯದಲ್ಲಿ ರಾಜಧರ್ಮ | भारती कुम्ळे, कटीलु, दक्षिणकन्नड | कन्नड | |||
113.575 | ದುರ್ಗಸಿಂಹನ ‘ಕರ್ನಾಟಕ ಪಂಚತಂತ್ರಂ’ ಕಥೆಗಳಲ್ಲಿ ಪೌರಾಣಿಕ ಪ್ರಸಂಗಗಳ ವಿಶ್ಲೇಷಣೆ | डा. गिरीश मूग्तिहळ्ळि, चिक्कमगळूरु | कन्नड | |||
114.576 | ಪಾಣಿನೀಯ ಅಷ್ಟಾಧ್ಯಾಯಿಯಲ್ಲಿ ಉಕ್ತವಾದ ರಾಜಾಡಳಿತದ ವ್ಯವಸ್ಥೆ ಮತ್ತು ಶಾಸನಗಳು | डा. अनुपमा बि, बेङ्गळूरु | कन्नड | |||
115.577 | ಪುರುಷಸೂಕ್ತ ಮತ್ತು ಶ್ರೀಸೂಕ್ತದಲ್ಲಿ ಪುರುಷ ಮತ್ತು ಪ್ರಕೃತಿ ತತ್ತ್ವದ ಚಿಂತನೆ | डा. विनायक नामण्णनवर, बेङ्गळूरु | कन्नड | |||
116.578 | ‘ಗೈರ ಸಮಜೂತಿ’ಗೊಂದು ಸಮಜೂತಿ | डा. मैत्री भट्ट, पुत्तूरु | कन्नड | |||
117.579 | ಜಿ. ವಿ. ಅಯ್ಯರ್ ಕಂಡ ಶಂಕರಾಚಾರ್ಯ | कोट्रेश बि. ए., बेङ्गळूरु | कन्नड | |||
118.580 | ಗ್ರಹಣದ ದಿವಸ ಪ್ರತಿಸಾಂವತ್ಸರಿಕ ಶ್ರಾದ್ಧ : ಒಂದು ಶಾಸ್ತ್ರೀಯ ನೋಟ | प्रो. वेङ्कटरमण हेगडॆ, मैसूरु | कन्नड | |||
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XXI VOLUME
1.581 | आधुनिककाव्येषु नारी | डा.नारायणस्वामीएम्.एस्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
2.582 | काश्मीरशैवदर्शनस्थपदार्थानाम् आलोचनात्मकमध्ययनम् | केशवकुमार पाण्डे, प्रयागराज | संस्कृतम् |
3.583 | काश्मीरशैवदर्शनस्य समालोचनात्मकमध्ययनम् | कृष्णकुमार पाण्डे, प्रयागराज | संस्कृतम् |
4.584 | आधुनिकयुगे संस्कारेषु उपनयनसंस्कारस्य वैज्ञानिक-
महत्वम् |
राजकुमार झा, वाराणसी | संस्कृतम् |
5.585 | पुराणस्य पञ्चलक्षणविचारः | प्रसेनजित् मालो, बिहार | संस्कृतम् |
6.586 | फलव्यापारयोर्धातुः : एका समीक्षा | डा. कमलप्रसाद गौतम, आसम | संस्कृतम् |
7.587 | सर्वनामसंज्ञाविधाने निषेधसूत्राणि : एका समीक्षा | सजल मण्डल, बिहार | संस्कृतम् |
8.588 | स्फोटविचारः | डा. रंजिता गोस्वामी, आसम | संस्कृतम् |
9.589 | दर्शनप्रसिद्धात्मतत्त्वस्योत्सरूपेण ऋक्संहिताविमर्शः | डा. कल्याण पण्डा, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
10.590 | समासेन रघुवंशस्य महाकाव्यत्वसमीक्षणम् | देबज्योति मन्ना, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
11.591 | शब्दपदवाच्यत्वेन साद्गु-असाधुशब्दयोः भेदः महत्वञ्च | शिबपाद मण्डल, ओडिशा | संस्कृतम् |
12.592 | मन्त्रकोशाध्यायविमर्शः | वि. आर्. हरिप्रसाद, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
13.593 | भगवद्गीतोद्घातगताद्वैतविशिष्टाद्वैताचिन्त्यभेदाभेदभाष्य–
समीक्षणम् |
डा. त्रिदिब राय्, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
14.594 | वैदिकवर्णव्यवस्था : एका समीक्षा | शुस्मा सरीन, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
15.595 | पाणिनीयतन्त्रे भूतपूर्वगतिमाश्रित्य केषाञ्वन सिद्धान्तानाम् आलोचनम् | सुमन दास, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
16.596 | सुसंगठितजीवनप्राप्तये आयुर्वेदः – एकं सामान्यमध्ययनम् | मानस मण्डल्, बिहार | संस्कृतम् |
17.597 | यतीन्द्रविमलचतुर्धुरीणयोः यतीन्द्रविमल–भारतविवेक
नाटकयोः प्रपञ्चितं धर्मतत्त्वम् |
डा. सन्तु सिंग, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
18.598 | कालिदासोत्तरकाव्येषु प्रतिफलिता राजनीतिः | अमलकुमार कर, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
19.599 | संस्कृतवाङ्मये स्त्री | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् 23 |
20.600 | बङ्किमचन्द्रकृतिषु सामाजिकचिन्तने मोक्षवादः | तरुण् शिट्., तिरुपति | संस्कृतम् |
21.601 | न्यायनये प्रमारूपेण प्रमाणरूपेण च स्मृतेरपरिहार्यता | सन्दिप मल्लिक, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
22.602 | व्रतनियमसंस्कारादिषुकालिदासीयमनोवृत्तिः | प्रियांका डे, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
23.603 | क्षेमेन्द्रकृतिततयः | अर्चना हेगडे, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
24.604 | वाल्मीकिरामायणे ब्रह्मादिदेवैः श्रीरामस्वरूपवर्णनम् | मधुरिमा मुखर्जि, कटक, ओडिशा | संस्कृतम् |
25.605 | हेत्वाभासस्वरूपविमर्शः | डा. अंजना दास, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
26.606 | शिक्षाजगति गीतायाः प्रभावः | अम्बरीश दास, पुदुचेरी | संस्कृतम् |
27.607 | प्रत्ययरेखाङ्कनपद्धत्या तर्कसङ्ग्रहे मङ्गलश्लोकस्य शाब्दबोधविचारः | प्रवोट सर्कार, तिरुपति | संस्कृतम् |
28.608 | प्रतापरुद्रीये काव्यस्वरूपविचारः | सुनाद कृष्ण ए., कटीलु | संस्कृतम् |
29.609 | ’अनुवादसाहित्ये प्रतिबिम्बिताः संस्कृतग्रन्थाः, हस्तप्रतयश्च’ | श्रीमति कविता बि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
30.610 | पाणिनीयव्याकरणे णत्वविधानसमीक्षा | डा. सुदिप मण्डल, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
31.611 | शक्तिविशिष्टाद्वैतसिद्धान्तस्वरूपं महत्त्वं च | जे.आर्. सिद्धलिंगस्वामी, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
32.612 | संस्कृतसाहित्ये प्रतिपादितब्राह्मणानां विषयनिरूपणम् | वि. श्रीनाथ, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
33.613 | तत्त्वचिन्तामणेर्व्याप्तिसप्तकस्य तृतीयलक्षणे गदाधरमतविमर्शः | रिया पाल, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
34.614 | जगदीशदिशा तर्कलक्षणभेदविचारः | सुब्रतो गायेन, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
35.615 | पञ्चाननतर्करत्नविरचिते अमरमङ्गले करुणरसस्य प्रयोगवैचित्र्यम् | श्यामसुन्दर सर्दार, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
36.616 | कातन्त्रीय-पाणिनीयव्याकरणयोः सन्धिप्रकरणस्य संज्ञासूत्राणां समीक्षात्मकमध्ययनम् | डा. मधुसूदन दास, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
37.617 | कारक-विभक्तिषु विवक्षाप्रसङ्गः | जयंत मण्डल, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
38.618 | भामनी छन्दसि ’महात्मनः’ कृतिः मोहनायनम् | विद्वान् राजशेखर के. के.,बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
39.619 | नाट्यशास्त्रे चतुर्विधाभिनयः | पल्लवी हेगडे, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
40.620 | स्वस्थसमाजनिर्माणे वेद-वेदाङ्गानां ज्ञानस्य प्रभावः | डा. के. एम्. महदेवय्यः, मैसूरु | संस्कृतम् |
41.621 | जगदीशमतेन सिद्ध्यनुमित्योः प्रतिबध्यप्रतिबन्धकभावः | डा. राघव के. एल्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
42.622 | काव्यस्वरूपपर्यालोचनायां भामहाचार्यस्याभिमतम् | बपन रुइदासः, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
43.623 | मानविकमूल्यबोधे प्रतिमानाटकम् : समीक्षात्मकमेकं विश्लेषणम् | मुन्मुन मैति, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
44.624 | वैदिकदेवतानां चारित्रिकवैषिष्ट्यविवेचनम् | जयश्री पाल, बिहार | संस्कृतम् |
45.625 | संस्कृतसाहित्ये रीतिविचारः | प्रियांका बारिक्, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
46.626 | भारतीयज्ञानपरम्परायां चतुःषष्टिकलाः | डा. मुरलिश्याम एच्., केरला | संस्कृतम् |
47.627 | सूर्यनमस्कारः | के. एस्. वसन्ता, कोलार | संस्कृतम् |
48.628 | जीवन्मुक्तिविचाराणां महावाक्यार्थदिशा विमर्शः | डा. गणपति वि. हेगडे, मुम्बई | संस्कृतम् |
49.629 | पञ्चतन्त्रे षाड्गुण्याधारेण युद्धकौशलविवेचनम् | लोकनाथ दास, तिरुपति | संस्कृतम् |
50.630 | साहित्याकादमीपुरस्कारप्राप्तेषु असमीयोपन्यासेषु संस्कृत- वाङ्मयस्य प्रभावः : एकमध्ययनम् | लोपामुद्रा गोस्वामी, आसम | संस्कृतम् |
51.631 | वर्तमानसमाजे अक्षसूक्तगतनैतिकप्रासङ्गिकता | हबल रुइदास, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् 24 |
52.632 | Life in moral and valuable thoughts through a reading of Narayana’s Hitopadesa :
A way of “Good wins over evils” |
डा. अरविन्दकुमार, उत्तरप्रदेश | English |
53.633 | A study on legal provisions of Juvenile Justice Act for children in conflict with law | डा. पवित्रा आर्. आलूर्, बल्लरि | English |
54.634 | A study on Psychological Problems of Women Sex Workers | डा. हनुमन्त जि., बल्लारि | English |
55.635 | Indian freedom struggle and women : Theoredtical dimensions | महेश वि., हम्पि | English |
56.636 | A Solution for Inner and Outer peace as per the Bhagavad Gita | कु. प्रीति आर्. भूतदा, महाराष्ट्रा | English |
57.637 | Purva Mimamsa Vs Sankara’s Advaita : A reading of Sankara’s Gita Upasamhara Bhasya | विष्णुप्रिया श्रीनिवासन्, तमिळुनाडु | English |
58.638 | A study of self-compassion among under graduate students in relation to Academic motivation | पोरिस्मिता सैकिया, आसम | English |
59.639 | Impact of Sri Aurobindo’s teaching on N E P -2020 | पूजा राय्, आसम | English |
60.640 | Women’s place in property rights in the context of Smriti Shastra | सुष्मिता नेगि, पश्चिमबङ्गाल् | English |
61.641 | Concept of Right to Health in Indian Tradition : An Overview | ज्योतिर्मयी बरुवा, ओडिशा | English |
62.642 | Scientific Significance Tinospora Cordifolia (अमृतवल्ली) Plant : Indian View | डा. ईश्वरप्रसाद ए,म् हासन | English |
63.643 | Mahabharata, The revelation of knowledge :
A linguistic insight |
डा. उदय ब्यानर्जि, वाराणसी | English |
64.644 | Influence of Gandhi’s freedom struggle in the works of R.K.Narayan | डा. संध्या आर्, कुलकर्णि, हावेरी | English |
65.645 | Vivekananda’s Educational Philosophy and Relevanceon Modern Education :
An Analysis. |
रिंपि फूकान, आसम | English |
66.646 | Concept of virtue in ancient sanskrit texts & plato’s early dialogues | क्षितिज मोहन्तो, बेङ्गळूरु | English |
67.647 | Love & Women Sentiment : A Re-reading of Bhasa’s Pratigya-Yaugandharayana. | सम्पा पाल्, पश्चिमबङ्गाल | English |
68.648 | Relevance of the reality of human life in Upanishad thought | डा. सोमनाथ दास, कोलकत | English |
69.649 | Concept of Meditation and Samadhi in Yoga Darshan : A Review | मदनमोहन, बेङ्गळूरु | English |
70.650 | Swasthya Rakshana in Shravana Masa | डा. लक्ष्मै एम्. एल्., बेळ्तंगडि | English |
71.651 | Advaita Vedanta’s ethical implications in Shankaracharya’s philosophy : | डा.सतीशकुमारतिवारी,जम्मु काश्मीर | English |
72.652 | Effect of Yoga on working memory amoung University students | सुलेगी ली, हरिद्वार | English |
73.653 | Upanishad literature in the light of philosophy and spirituality | प्रबीर सर्कार, पश्चिमबङ्गाल | English |
74.654 | An Exploration of Moral Education in Children’s Textbooks by Vidyasagar in Nineteenth Century Context | डा. अनुप बिस्वास, पश्चिमबङ्गाल | English |
75.655 | Effect of Savita Meditation on Depression Anxiety and Stress | रष्मी पटेल, हरिद्वार | English |
76.656 | Self -Determination and Destiny in Preeti Shenoy’s “Life is What You Make It” | आर्. राजेश्वरी, तमिळुनाडु | English |
77.657 | Antisocial personality Disorder : Reflection of Serial killers in Jeff Lindsay’s Dexter Series | के. गौरिमाला, तमिळुनाडु | English 25 |
78.658 | Geographical Concept of BHĀRATVARṢA mentioned in KĀVYAMĪMĀṂSĀ OF RĀJAŚEKHARA | डा. महुवा मण्डल, पश्चिमबङ्गाल | English |
79.659 | Study of Agricultural Science in Sanskrit Literature | डा. शङ्कर चटर्जी, पश्चिमबङ्गाल | English |
80.660 | No-Soul theory of Buddha | डा. चारु दास, आसम | English |
81.661 | NEP-2020 In the light of Ancient Education System | पिंकि पाल, पश्चिमबङ्गाल | English |
82.662 | General principles of the Mīmāṃsā law: a psychological study | सुप्रिया राय्, पश्चिमबङ्गाल | English |
83.663 | Divine Birth of Lord Buddha : In the light of Buddhacarita | डा. अर्नब पात्रा, कोलकत | English |
84.664 | Gender mainstreaming and soap opera : Conception or Misconception | देबोलिना दत्ता, पश्चिमबङ्घाल | English |
85.665 | Upanishad literature in the unveiling of human emotion | जुबिन् यास्मिन्, पश्चिमबङ्गाल | English |
86.666 | Women in post colonial twentieth century Indian english fiction : A selective and graphical study of three decades | प्रो. संगीता सिंग, राजस्थान | English |
87.667 | Brave New Women in Brave New World with Reference to Divakaruni’s
The Mistress of Spices |
डा. जे. नसरीन् बानो, तिरुचेनगोडे | English |
88.668 | मैत्रेयी पुष्पा के कहानियों में स्त्री – मुक्ति संदेश | डा. कृष्ण डि. लमाणि, बेङ्गळूरु | हिन्दी |
89.669 | सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविता एवं आलोचनात्मक संदर्भ | डा. एम्. अब्दुल रजाक, बेङ्गळूरु | हिन्दी |
90.670 | मन्नेरवारलू जनजाति और समकालीन जीवन | डा. गणशेटवार साईनाथ नागनाथ | हिन्दी |
91.671 | उग्र जी की कतिपय कहानियों में राष्ट्रीय चेतना के स्वर | डा. मनोजकुमार दुबे, मुम्बई | हिन्दी |
92.672 | अथर्ववेदीय ब्रह्मबिन्दूपनिषद् का दार्शनिक तत्त्वज्ञान | डा. प्रियांककुमार एन्. रावल्, गुजरात | हिन्दी |
93.673 | कन्नड साहित्य में दास साहित्य और संगीत | डा. महम्मद नयास पाशा, बेङ्गळूरु | हिन्दी |
94.674 | ’कोमल गांधार’ नाटक में चित्रित ’नारी’ | विनोद बाबुराव मेघश्याम, बेङ्गळूरु | हिन्दी |
95.675 | ಬೆಳ್ವೊಲನಾಡಿನ ಶಾಸನಗಳಲ್ಲಿ ಧರ್ಮ ಸಮನ್ವತೆ | डा. शरणप्प बसप्प जग्गल, हावेरी | कन्नड |
96.676 | ವಚನ ವಿಮರ್ಶೆಗಳು : ಅಲಂಕಾರಶಾಸ್ತ್ರದ ನೆಲೆ | डा. अन्दय्य अरवटगिमठ, गदग | कन्नड |
97.677 | ವಿವೇಕಾನಂದರ ಚಿಂತನೆಯಲ್ಲಿ ವರ್ಣ ಮತ್ತು ‘ಜಾತಿ ವ್ಯವಸ್ಥೆ’ | डा. वीणा ई., गदग | कन्नड |
98.678 | ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಪುರಾಣ ಕಾವ್ಯಗಳ ಸ್ವರೂಪ | डा. ए. वि. देवांगमठ, गदग | कन्नड |
99.679 | ಒಂದು ಅಪೂರ್ವ ವೀರಗಲ್ಲು | डि. वीरेश, हम्पि | कन्नड |
100.680 | ಹದಿಹರೆಯದ ಮಕ್ಕಳಲ್ಲಿ ‘ಆತ್ಮಾಭಿಮಾನ’ | डा. मैत्री भट्ट, पुत्तूरु | कन्नड |
101.681 | ವಲಸೆ ಪ್ರಜ್ಞೆ: ಜನನಿ ಜನ್ಮಭೂಮಿ | डा. बसवय्यस्वामी, बेङ्गळूरु | कन्नड |
102.682 | ವೀರಶೈವ ಮತ ಮತ್ತು ತಾತ್ವಿಕ ವಿಚಾರಗಳು | डा. हेच्. एस्. विरूपाक्षप्प, होळेहोन्नूरु | कन्नड |
103.683 | ಕರ್ನಾಟಕ ಏಕೀಕರಣದ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಧಾರವಾಡ ಪ್ರದೇಶದ ಕನ್ನಡದ ಸ್ಥಿತಿ-ಗತಿ | डा. विठल कोळि, गदग | कन्नड |
104.684 | ವಸಾಹತುಕಾಲಿನ ಸೊಲ್ಲಾಪುರ : ಜಯದೇವಿತಾಯಿ ಲಿಗಾಡೆ
ಯವರ ಕನ್ನಡಪರ ಹೋರಾಟ |
डा. निंगम्म, गदग | कन्नड |
105.685 | ವಿಕ್ರಮ ವಿಸಾಜಿ ಕವಿತೆಗಳಲ್ಲಿ ಸಾಮಾಜಿಕ ಪ್ರಜ್ಞೆ | किरण वल्लेपुरे, कलबुरगि | कन्नड |
106.686 | ಶಿಲ್ಪಕಲಾ ಸಂಸ್ಕೃತಿಗೆ ಶಿವಾರಪಟ್ಟಣದ ಕೊಡುಗೆ | डा. सर्वेश बि. एस्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
107.687 | ನಾಟ್ಯಶಾಸ್ತ್ರ : ಅಭಿನಯ ಪದ್ಧತಿ ಕುರಿತು ವಿಚಾರ | डा. रविशंकर ए. के., के. नारायणपुर | कन्नड 26 |
108.688 | ಜನಪದರು: ಸಾವಿರದ ನಂಬಿಕೆಗಳು | प्रो. चंद्रशेखर एन्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
109.689 | ಸಂಸ್ಕೃತ ಮಹಾಕಾವ್ಯಗಳ ಉದ್ಭವ ಮತ್ತು ವಿಕಾಸ | डा. सय्यद मुयीन, बेङ्गळूरु | कन्नड |
110.690 | ಅಂಬಿಕಾತನಯದತ್ತರ ‘ಕನ್ನಡ ಮೇಘದೂತ’: ಒಲವಿನ ಚಿಂತನೆ | अनिता के. वि., बेङ्गळूरु | कन्नड |
111.691 | ಸಿನಿಮಾ ಯಾನದಲ್ಲಿ ಸಿರಿಯಾಳ ಸಂಕಥನ (‘ಭಕ್ತ ಸಿರಿಯಾಳ’ ಸಿನಿಮಾ ಕುರಿತ ವಿಶ್ಲೇಷಣೆ) | डा. एम्. भैरप्प, बेङ्गळूरु | कन्नड |
112.692 | ಚಾಣಕ್ಯನ ನೀತಿಸೂತ್ರ : ಆಡಳಿತ ನೀತಿ ಸಂಹಿತೆಯ ಅಧ್ಯಯನ ಮತ್ತು ಅದರ ಪ್ರಸ್ತುತತೆ | डा. दीक्षित कुमार एम्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
113.693 | ಕಾರಂತ ಕಥನ ಮತ್ತು ಮಹಿಳಾ ಜಗತ್ತು | डा. शुभा मरवन्ते, शिवमोग्ग | कन्नड |
114.694 | ಕುಮಾರ ಸಂಭವ ಮತ್ತು ಗಿರಿಜಾ ಕಲ್ಯಾಣ : ಒಂದು
ಅವಲೋಕನ |
डा. गोविन्दराय एम्., कुणिगल् | कन्नड |
115.695 | ಮಹಾಭಾರತದಲ್ಲಿ ವಿದುರನೀತಿ | डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
116.696 | ಗೀತಾ ನಾಗಭೂಷಣ ಅವರ ಬದುಕು ಕಾದಂಬರಿಯ ಲೋಕ | डा. मल्लय्य संडूरु, बळ्ळारि | कन्नड |
117.697 | ಮ್ಯಾಸಬೇಡ ಮತ್ತು ಕಾಡುಗೊಲ್ಲ ಬುಡಕಟ್ಟು ಮಹಿಳೆಯರ ಸಾಮಾಜಿಕ ಮತ್ತು ಆರ್ಥಿಕ ಸಂಕಥನಗಳು | डा. पार्वतम्म वि., बळ्ळारि | कन्नड |
118.698 | ಚಲನಚಿತ್ರಗಳಲ್ಲಿ ಮಹಿಳಾ ಅಭಿವ್ಯಕ್ತಿ ಮಾದರಿಗಳು | डा. यर्रिस्वामी ई., हम्पि | कन्नड |
119.699 | ಆಚಾರ’ಕ್ಕೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿದ ವಿಚಾರಗಳ ವಿಶ್ಲೇಷಣೆ | डा. श्रीधर पि. डि., बेङ्गळूरु | कन्नड |
120.700 | ವೃಷ್ಟಿ ವಿಜ್ಞಾನ | डा. श्रीधर एन्. भट्टः, उजिरे, धर्मस्थल | कन्नड |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XXII VOLUME
1.701 | तत्त्वदर्शकाः श्रीमच्छङ्कराचार्याः | डा. प्रशान्त गांवकर, बेळचावि | संस्कृतम् |
2.702 | वैदिको वर्णविभागः | डा. रमेश टि., उडुपि | संस्कृतम् |
3.703 | अथर्ववेद में वर्णित अष्ट-चक्रों एवं नव-द्वारों की वर्तमान
योग-संदर्भ में उपादेयता |
प्रो. शालिनि शुक्ला, उत्तराखण्ड | हिन्दी |
4.704 | ಪ್ರಾಚೀನ ಭಾರತದಲ್ಲಿ ಲಿಪಿಗಳ ಉಗಮ ಮತ್ತು ಬೆಳವಣಿಗೆ | डा. सुरेश हेगडे, मैसूरु | कन्नड |
5.705 | ಭಾರತದಲ್ಲಿ ಸ್ತ್ರೀಶಿಕ್ಷಣದ ಬೆಳವಣಿಗೆ ಮತ್ತು ವಿಕಾಸ | डा. प्रीती भाण्डारकर, कुमटा | कन्नड |
6.706 | वटेश्वरोक्तानि सूक्ष्मभुजज्यानामानि | गिरीश भट्ट बि., तिरुपति | संस्कृतम् |
7.707 | The Concept of Dharana, Dhyana and Samadhi In Principal Upanishads | मदन मोहन, बेङ्गळूरु | English |
8.708 | History of Ancient Indian Medicine | के. एस्. वसन्ता, बेङ्गळूरु | English |
9.709 | Bring Changes in Society through Education | मीनु शर्मा, उत्तरप्रदेश | English |
10.710 | संस्कृतगङ्गा | एस्. एन्. श्रीनिवासन्, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
11.711 | विश्वस्मै दत्तः निधिः काश्मीरः | अर्चना हेगडे, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
12.712 | पुरुषार्थाः तथा तिरुप्पा वै | मालिनी एम्. के., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
13.713 | वेदभाष्यकारेषु प्रमुखो भाष्यकारः- आचार्य सायणः | डा. कपिलदेव शास्त्री, गुजरात | संस्कृतम् |
14.714 | संस्कृतमहाकाव्येषु कैवल्यविमर्शः | गौरी सर्कार, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
15.715 | नारियों की शिक्षा विमर्श : स्मृतिग्रन्थों तथा अद्यतन सामाजिक परिप्रेक्ष्य में | डा. जयदीप नमो दास, हैद्राबाद | हिन्दी |
16.716 | ಸಂಸ್ಕೃತ ಸಾಹಿತ್ಯದ ಮಹತ್ತ್ವ | डा. आर्. शिवकुमारस्वामी, स्वर्णवल्ली | कन्नड 27 |
17.717 | Nutrional development of children through
Annaprashana Sanskar |
राजकुमार झा, उत्तरप्रदेश | English |
18.718 | दुर्गसिंहकृत कातन्त्रपरिभाषासूत्रवृत्तौ पठितानि समविषम-स्वरूपाणि कानिचित् परिभाषासूत्राणि | डा. टि. वि. गिरिजा, केरळ | संस्कृतम् |
19.719 | ಯೋಗವಾಸಿಷ್ಠದಲ್ಲಿನ ಜ್ಞಾನ ಮತ್ತು ಅಜ್ಞಾನದ ಸಪ್ತ ಭೂಮಿಕೆಗಳು | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | कन्नड |
20.720 | ಕಾಳಿದಾಸನ ಕಾವ್ಯ ನಾಟಕಗಳಲ್ಲಿ ಸೌಂದರ್ಯದ ವಿವೇಚನೆ | डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
21.721 | Four Quadrants of Sadhaka with Special Reference to Patanjal Yoga Sutra | देवेशकुमार, झारखण्ड | English |
22.722 | ತತ್ತ್ವಜ್ಞಾನಿ ಶರಣ ರಾಮಾಪುರದ ಬಕ್ಕಪ್ಪ ಜೀವನ ಸಾಧನೆ | डा. रामरेड्डि एस्. रड्डेर्, राणेबेन्नूरु | कन्नड |
23.723 | Relevance of Sanskrit in the Vedic | डा. झाराना रानी त्रिपाठि, ओडिशा | English |
24.724 | ಕನ್ನಡದ ಪ್ರಮುಖ ಆಯ್ದ ದಿನ ಪತ್ರಿಕೆಗಳಲ್ಲಿ ಸಂಪಾದಕೀಯ ವ್ಯಂಗ್ಯ ಚಿತ್ರಗಳು – ಒಂದು ಸಂಕ್ಷಿಪ್ತ ಅಧ್ಯಯನ | प्रमोद एच्. आर्., मैसूरु | कन्नड |
25.725 | वेदेषु वर्णितं सामाजिकसद्भावानां विश्लेषणम् | डा. दसिन् सर्कार, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
26.726 | ’अथातो धर्मजिज्ञासा’ का यथार्थस्वरूप | डा. प्रियांककुमार एन्. रावल्, गुजरात | हिन्दी |
27.727 | भारत के सतत विकास में हरित ऊर्जा का महत्त्व | डा. कनुप्रिया, उत्तराखण्ड | हिन्दी |
28.728 | ಮಧ್ಯಕಾಲೀನ ಕನ್ನಡ ಪ್ರದೇಶದ ನಾಯಕ ಮನೆತನಗಳ
ಗ್ರಾಮಾಡಳಿತ ವ್ಯವಸ್ಥೆ |
डा. मारुति एच्., चित्रदुर्ग | कन्नड |
29.729 | ’वृद्धिरादैच्’ इति सूत्रस्थाः केचन अंशाः | डा. पि. आर्. अर्चना कारन्त, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
30.730 | शब्दपरीक्षा | डा. मधुसूदन अडिग, आदिचुञ्चनगिरि | संस्कृतम् |
31.731 | ಉತ್ತಮ ನಾಗರಿಕನಾಗಲು ಶಿಕ್ಷಣದ ಮಹತ್ತ್ವ – ಒಂದು ಚಿಂತನೆ | डा. ईश्वरप्रसाद ए., हासन | कन्नड |
32.732 | बृहदारण्यकोपनिषद् भाष्यवार्तिकरीत्या ज्ञान-कर्म
समुच्चयवादविमर्शः |
डा. गणपति वि. हेगडे, मुम्बई | संस्कृतम् |
33.733 | Waiing for Godot by Samuel Veckett : The Chequered History of Composition, Publication and Performance of the ‘Text’ | डा. सिद्धि आर्. पटेल, गुजरात | English |
34.734 | Chabilal Upadhyaya: A Pioneer of Harmony and Unity in Assam’s Freedom
Struggle |
काब्यश्री बरुहा, आसाम | English |
35.735 | ಆಧುನಿಕ ಕಾಲದಲ್ಲಿ ಯೋಗದ ಪ್ರಸ್ತುತತೆ | श्रीमति राज्यश्री बि. एस्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
36.736 | ಕುಲದೇವತೆ – ಒಂದು ವಿಶ್ಲೇಷಣೆ | डा. गोपालकृष्ण हेगडे, हेगडे | कन्नड |
37.737 | ಅಥರ್ವವೇದ – ಒಂದು ಅಧ್ಯಯನ | पण्डित रमेश वर्धन, कुमटा | |
38.738 | वैदिकगणितम् | प्रो. राधाकान्त ठाकुर, तिरुपति | संस्कृतम् |
39.739 | श्रीदेवराजकृत-सिद्धान्तन्यायचन्द्रिकायाः वैशिष्ट्यम् | सुनिल आर्., तिरुपति | संस्कृतम् |
40.740 | Janma Dina Utsavam- Vardhanti & Jayanti | डा. वंशी कृष्ण धनपाठी, मैसूरु | English |
LIST OF PUBLISHED ARTICALS IN XXIII VOLUME 28
1.741 | शैशवे अभ्यस्तविद्या साक्षात् कामदुग् भवति (शैशवे भारतीय संस्कारपरम्परा) | प्रो. श्रीधर भट्ट, ऐनकै, कलबुर्गि | संस्कृतम् |
2.742 | शास्त्राध्ययनं किमर्थम् | डा. मधुसूदन अडिग, आदिचुञ्चनगिरि | संस्कृतम् |
3.743 | मन्दस्मितरामायणे उपमालङ्कारसौरभम् | शिवकुमार एम्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
4.744 | शैवदर्शनेषु पतिस्वरूपविमर्शः | भास्कर एस्. कोट्रण्णनवर, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
5.745 | भगवद्गीतायां ऋषिषु भगवद्भावः | शिवशरण देवरु, बेळगावि | संस्कृतम् |
6.746 | श्रीमार्तण्डसोमयाजि | राजेश्वर एन्. जोशि, मैसूरु | संस्कृतम् |
7.747 | प्राचीनयोगसाहित्येषु समाधेः सिद्धान्तः | विदुषी योगश्री एम्. वि., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
8.748 | व्याकरणदृष्ट्या भाषाव्युत्पत्तिविकासः | वेङ्कटेश जि., बल्लारि | संस्कृतम् |
9.749 | श्रीमद्भगवद्गीतामाध्वभाष्यस्य वैशिष्ट्यम् | विद्वान् आर्. जगन्नाथ पूजार, बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
10.750 | मनु-याज्ञवल्क्यस्मृत्योः वर्णव्यवस्थायाः तुलनम् | डा. मल्लनगौड एस्., बेङ्गळूरु | संस्कृतम् |
11.751 | वि. आर्. आम्वेदकरः एवं वङ्किमचन्द्रमहोदयस्य सामाजिक-चिन्तने नार्याः स्थानम् | तरुण शिट, तिरुपति | संस्कृतम् |
12.752 | पाश्चात्यदर्शनस्य आलोकेन कठोपनिषत् | अर्नब बन्ध्योपाध्याय, पश्चिमबङ्गाल | संस्कृतम् |
13.753 | श्रीहर्षस्य नागानन्दरत्नावलीप्रियदर्शिकाश्च नाटिकात्रयं विश्लेषणम् | स्नेहा मण्डल, तिरुपति | संस्कृतम् |
14.754 | शाङ्करप्रस्थानत्रयाधारेण हंशसनकानां संवादे अद्वैतानुष्ठानम् | विद्वान् गणेश भट्ट, हरियाण | संस्कृतम् |
15.755 | वैदिकवाङ्मये ब्राह्मणग्रन्थाः | विद्वान् श्रीनाथ के., मैसूरु | संस्कृतम् |
16.756 | डा. श्यामदेव पाराशर : व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व | डा. अमिता रेडु, हरियाण | हिन्दी |
17.757 | वर्तमान सन्दर्भ में कबीर और उनका समाज | डा. सुमित् कुमार नागर, उत्तरप्रदेश
डा. निर्देश चौधरि, उत्तरप्रदेश |
हिन्दी |
18.758 | संवत्सर सत्र के द्रव्यात्मक, आधिदैविक एवं आध्यात्मिक स्वरूपविमर्शः | जयन्त मण्डल, वाराणसि, उत्तरप्रदेश | हिन्दी |
19.759 | योग, मर्म एवं एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति का तुलनात्मक अध्ययन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में! | अञ्जना कुमारि सिंग, झारखण्ड | हिन्दी |
20.760 | Impact of Technology on Sanskrit | डा. नागलक्ष्मी एस्., बेङ्गळूरु | English |
21.761 | Concept of Nidra in Ayurveda | डा. पूजा राजेन्द्रन्, दक्षिणकन्नड | English |
22.762 | Exploring Yogic Meditation in the
Shvetashvatara Upanishad |
देवप्रकाश गुजेल, झारखण्ड | English |
23.763 | A brief sketch of case system in Asamiya and Bangla Language | डा. परमिता पुर्कैत, आसाम | English |
24.764 | The efficacy of Astanga Yoga with Special Reference to Patanjal Yoga Sutra | देवेशकुमार, झारखण्ड | English |
25.765 | ಬಿಸಿಲ ಬಾಗಿನ ಸಣ್ಣ ಕಥೆಗಳಲ್ಲಿ ಕಾಣುವ ಭೌಗೋಳಿಕ ಸನ್ನಿವೇಶಗಳು | अजित पात्रोट, कलबुर्गि | कन्नड |
26.766 | ಮಧ್ಯಕಾಲೀನ ಕರ್ನಾಟಕದ ಯುದ್ಧದ ಬಗೆಗಳು | डा. मारुति एच्., चित्रदुर्ग | कन्नड |
27.767 | ಡಾ. ಟಿ. ಜಿ. ಸಿದ್ಧಪ್ಪಾರಾಧ್ಯ ಅವರ ‘ಅರ್ಥಶಾಸ್ತ್ರ’ದ ಅನುವಾದದ ವೈಶಿಷ್ಟ್ಯ | डा. अनुपमा बि., बेङ्गळूरु | कन्नड 29 |
28.768 | ಡಾ. ಕೆ. ಕೃಷ್ಣಮೂರ್ತಿಯವರ ‘ಔಚಿತ್ಯ ವಿಚಾರ ಚರ್ಚೆ’ಯ
ಅನುವಾದದ ವೈಶಿಷ್ಟ್ಯ |
डा. रेखादेवी एस्. एच्., बेङ्गळूरु | कन्नड |
29.769 | ವಿಶ್ವಮಾತೆ – ಭಗವದ್ಗೀತೆ | डा. आर्. शिवकुमारस्वामी, स्वर्णवल्ली | कन्नड |