वेद संस्कृत अकाडेमी के अधीन में चल रहे उत्तरकन्नड मंडल, कुमटा तालूकु, हेगडे गांव में स्थित श्री महागणपति संस्कृत पाठशाला का संस्थापक कीर्तिशेष ज्योतिषविद्वान् एवं धर्मशास्त्र विद्वान् गणपति कुप्पय्य हेगडे जी ने अपने जीवन में १९६४ से १९९२ तक अविच्छिन्न रूप से २८ वर्ष धार्मिक पंचांग तयार कर के धार्मिक पंचांग समिति के संस्थापक कार्यदर्शी के रूप में श्रीमठ को दिया हुवा सेवा को दिनांक : २९-०७-२०२४ गोकर्ण अशोके श्रीमठ में चातुर्मास्य व्रत दीक्षा में संलग्न श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्रीमद् राघवेश्वर भारती महास्वामी जी के दिव्य सन्निधि में अनावरण किया गया । इस अनावरण कार्यक्रम को श्रीमान् जी के पुत्र और वेद संस्कृत अकाडेमी का निर्देशक तथा श्रीमहागणपति संस्कृत पाठशाला का सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक डा. गोपालकृष्ण हेगडे जी ने श्रीसन्निधान के दिव्य सन्निधि में अनावरण किया हुवा संदर्भ चित्र ।
कर्नाटक राज्य संस्कृत पाठशाला शिक्षकर संघ (रि.) इस संस्था ने श्री आदिचुंचनगिरि महासंस्थान मठ, मंड्य के आदिचुंचनगिरि मठ के परिसर में दिनांक : १२-०७-२०२४ को आयोजित राज्यस्तर समेलन में दिनांक : ३१-०५-२०२३ को हेगडे के श्रीमहागणपति संस्कृत पाठशाला का मुख्याध्यापक रूप में सेवा कर के सेवानिवृत्त डा. गोपालकृष्ण हेगडे को श्रीसंस्थान का श्री श्री निर्मलानन्दनाथ स्वामी जी और श्री श्री प्रसन्ननाथ स्वामी जी के दिव्य उपस्थिति में एवं बेंगळूरु में विराजमान कर्नाटक संस्कृत विड्वविद्यालय की मान्य कुलपति जी आदरान्वित श्रीमति डा. एस्. अहल्या शर्मा जी ने सन्मान देने का संदर्भ चित्र ।
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